Republic Day: सेना, पुलिस और सामान्य नागरिकों के सम्मान में दिए जाते हैं ये पदक

परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र समेत देश में बहादुरी के लिए दिये जाने वाले अन्य पदकों में क्या अंतर है और ये पदक क्यों दिए जाते हैं। जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।

By Amit SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Jan 2019 01:55 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jan 2019 02:46 PM (IST)
Republic Day: सेना, पुलिस और सामान्य नागरिकों के सम्मान में दिए जाते हैं ये पदक
Republic Day: सेना, पुलिस और सामान्य नागरिकों के सम्मान में दिए जाते हैं ये पदक

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस और आम लोगों को राष्ट्रपति और राज्यों के मुख्यमंत्री द्वारा कई तरह के पदक देकर सम्मानित किया जाता है। इनमें से ज्यादातर पदक देश और राज्य की सुरक्षा में दिए गए सर्वोच्च बलिदान और अदम्य साहस के लिए प्रदान किया जाता है। क्या आपको इन पदकों के नाम, भिन्नताएं और खासियतों के बारे में पता है। अगर नहीं तो जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

परमवीर चक्र
परमवीर चक्र सेना में मिलने वाला सबसे बड़ा वीरता सम्मान है। ये पुरस्कार उन वीर सैनिकों को दिया जाता है, जिन्होंने युद्ध के दौरान दुश्मन के खिलाफ अदम्य साहस और वीरता का प्रदर्शन किया हो। परमवीर चक्र, US के ‘मेडल ऑफ ऑनर’ और UK के विक्टोरिया क्रॉस के बराबर है। देश में अब तक केवल 21 वीर जवानों को ये सम्मान प्राप्त हुआ है। परमवीर चक्र कांस्य से बना 1.38 इंच व्यास का गोलाकार पदक होता है। इसके केंद्र में उभरा हुआ अशोक चिन्ह और उसके चारो तरफ इंद्र के चार वज्र बने होते हैं। इसके पीछे की तरफ दो कमल के फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में परमवीर चक्र उभरा होता है। इसके साथ बैंगनी रंग का फीता लगा होता है।

महावीर चक्र
महावीर चक्र युद्ध के दौरान दुश्मन के खिलाफ महान शूरता और बलिदान दिखाने के लिए दिया जाने वाला वीरता का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है। यह दुश्मन के सामने हवा, जल या जमीन पर वीरता दिखाने के लिए प्रदान किया जाता है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों (पैरामिलिट्री फोर्स) को दिया जाता है। अब तक 218 जांबाजों को महावीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। इसका मेडल 1.38 इंच व्यास का गोलाकार और स्टैंडर्ड सिल्वर से बना होता है। इस पर पांच कोने वाला उभरा हुआ सितारा बना होता है। सितारे के मध्य में उभरा हुआ अशोक चिन्ह बना होता है। पदक के पीछे दो कमल के फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में महावीर चक्र लिखा होता है। इसका फीता आधा सफेद और आधा नारंगी होता है।

वीर चक्र
युद्ध के दौरान अद्वितीय वीरता के लिए दिया जाने वाला यह तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है, जो दुश्मन के खिलाफ दिखाई गई बहादुरी के लिए दिया जाता है। यह पदक भी सैनिकों और असैनिकों को दिया जा सकता है। अब तक 1322 शूरवीरों को वीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। ये मेडल 3/8 इंचा व्यास का गोलाकार स्टैंडर्ड सिल्वर से बना होता है। इस पर पांच कोनों वाला सितारा बना होता है। सितारे के बीच में गोल छल्ले की आकृति बनी होती है, जिसके मध्य में अशोक चिन्ह होता है। पदक के पीछे की तरफ दो कमल के फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में वीर चक्र लिखा होता है। इसका फीता आधा नीला और आधा नारंगी रंग का होता है।

अशोक चक्र
अशोक चक्र शांति के समय दिया जाने वाला वीरता का सबसे बड़ा सम्मान है। ये सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण शौर्य और पराक्रम के लिए प्रदान किया जाता है। पहले इसे अशोक चक्र क्लास-वन कहते थे। अब तक 83 लोगों को अशोक चक्र प्रदान किया गया है। ये पदक भी 1.38 इंच व्यास का गोलाकार आकृति में होता है। इसके बीच में तिरंगे पर बनने वाला अशोक चक्र मौजूद होता है। इसके चारों तरफ कमल के फूल की माला बनी होती है। इसके पिछले भाग पर हिंदी और अंग्रेजी में अशोक चक्र लिखा होता है। इसका फीता हरे रंगा का होता है, जो नारंगी रंग की एक खड़ी लाइन के जरिए दो बराबर भागों में विभाजित होता है।

कीर्ति चक्र
इस सम्मान को पहले अशोक चक्र क्लास-टू कहा जाता था। ये भी शांति के समय शौर्य और वीरता के लिए दिया जाता है। अब तक 458 जवानों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। स्टैंडर्ड सिल्वर से बने इस 1.38 इंच व्यास के गोलाकार पदक में आगे की तरफ अशोक बना होता है, जो कमल माला से घिरा रहता है। इसके पिछले भाग पर कमल के दो फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में कीर्ति चक्र लिखा होता है। इसका फीता हरे रंगा का होता है जो दो खड़ी नारंगी लाइनों से तीन बराबर हिस्सों में विभाजित होता है।

शौर्य चक्र
शौर्य चक्र शांति के समय दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा सम्मान है। कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, अशोक चक्र के ही दो अन्य वर्ग हैं। इन्हें 1967 में नया नाम दिया गया था। अब तक 1997 वीर सपूतों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। इसका डिजाइन भी अशोक चक्र और कीर्ति चक्र से मिलता जुलता होता है। इसके पिछले भाग पर हिंदी और अंग्रेजी में शौर्य चक्र लिखा होता है। इसका फीता भी हरे रंग का होता है, लेकिन वह नारंगी रंग की तीन खड़ी लाइनों के साथ चार हिस्सों में बटा होता है।

सेना मेडल
सेना मेडल को संछेप में 'SM' (एसएम) भी कहा जाता है, भारत सरकार सेना के आग्रह पर चुनिंदा सैनिकों को असाधारण कर्तव्य निष्ठा या साहस का परिचय देने वाले विशिष्ट कार्यों के लिए सेना मेडल देती है। ये एक गोलाकार रजत पदक होता है, जिसके आगे भागे पर एक संगीन खड़ी डिजाइन में बनी होती है। मेडल के पीछे खड़ा हुआ एक सिपाही बना होता है, जिसके ऊपर सेना मेडल लिखा रहता है।

ये हैं पुलिस पदक
शौर्य पुलिस पदक, पुलिस सेवा और अर्धसैनिक बल को बहादुरी के लिए दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का सर्वोच्च पदक है। इसके बाद केंद्र सरकार की अनुशंसा पर दिया जाने वाला राज्य सरकार का पराक्रम मेडल है, जो देश की सुरक्षा के लिए चलाए गए किसी बड़े ऑपरेशन के दौरान जान दांव पर लगाने वाले जवानों को दिया जाता है। तीसरा सबसे बड़ा सम्मान मुख्यमंत्री का वीरता पदक है, जो राज्य का सबसे बड़ा सम्मान होता है। ये भी राज्य के अंदर शौर्य का प्रदर्शन करने पर दिया जाता है। यूपी में आउट ऑफ टर्न की व्यवस्था बंद कर मुख्यमंत्री वीरता पदक की शुरूआत की गई है। राज्य का सराहनीय सेवा उत्कृष्ठ पदक अच्चे कैरेक्टर रोल के लिए दिया जाता है। राज्य का सराहनीय सेवा शौर्य पदक, साहसिक और विभाग के लिए उत्कृष्ठ कार्य करने वाले को प्रदान किया जाता है। इसके बाद अच्छे और साहसिक कार्यों के लिए डीजी कमेंडेशन डिस्क (प्लेटिनम, गोल्ड और सिल्वर) प्रदान किया जाता है। अलग-अलग राज्यों में पुलिस पदक की व्यवस्था भी कई बार भिन्न होती है।

राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार
यह पुरस्कार छह से 18 साल के बच्चों को विषम परिस्थिति में अदम्य साहस दिखाने के लिए प्रदान किया जाता है। इसे पांच वर्गों में बांटा गया है और इसमें भारत पुरस्कार सबसे ऊपर है।

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