कोरोना से जीत ली यदि जंग तो तीन या पांच नहीं आठ महीने से ज्‍यादा समय तक बनी रह सकती है एंटीबॉडीज

वैज्ञानिकों ने अपने अध्‍ययन में पाया है कि एक बार जो कोरोना से ठीक हो गया उसके शरीर में तीन से पांच महीने तक एंटीबॉडीज बनी रहती है यानी इस दौरान उसके दोबारा संक्रमित होने की संभावना लगभग नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 08 Jan 2021 09:13 PM (IST) Updated:Fri, 08 Jan 2021 09:13 PM (IST)
कोरोना से जीत ली यदि जंग तो तीन या पांच नहीं आठ महीने से ज्‍यादा समय तक बनी रह सकती है एंटीबॉडीज
एक बार जो कोरोना से ठीक हो गया उसके शरीर में तीन से पांच महीने तक एंटीबॉडीज बनी रहती है

नई दिल्ली, आइएएनएस। कोरोना महामारी को लेकर एक बहुत ही राहत देने वाली खबर सामने आई है। अब तक के अध्ययनों में यह पाया गया था कि एक बार जो कोरोना से ठीक हो गया, उसके शरीर में तीन से पांच महीने तक एंटीबॉडीज बनी रहती है यानी इस दौरान उसके दोबारा संक्रमित होने की संभावना लगभग नहीं है। अब नवीनतम अध्ययन में पता चला है कि यह एंटीबॉडीज तीन या पांच नहीं, बल्कि आठ महीने या उससे अधिक समय तक बनी रह सकती है।

कोरोना के 188 मरीजों पर अध्ययन

साइंस नामक पत्रिका में यह अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इसके मुताबिक कोरोना के 188 मरीजों पर यह अध्ययन किया गया, जो संक्रमण से सामान्य उपचार के बाद ही ठीक हुए थे। इस आधार पर शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना संक्रमण रोधी एंटीबॉडीज और अधिक समय तक बनी रह सकती है।

दोबारा संक्रमित होने का खतरा कम

कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के लिए भी यह बहुत अच्छी खबर है। पूरी दुनिया में लगभग एक साल से सभी को सकते में डालने वाली इस महामारी से पीडि़तों को दोबारा संक्रमित होने का डर बना रहता है। यह खबर उनके डर को ना सिर्फ कम करने वाली, बल्कि उनके मनोबल को बढ़ाने वाली भी है।

लंबे समय तक रहती है प्रतिरक्षा

अमेरिका के ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर और शोधकर्ता एलेसांड्रो सेट्टे ने कहा, 'हमारे डाटा के मुताबिक प्रतिरक्षा बनी रहती है और लंबे समय तक रहती है।' शोधकर्ताओं के मुताबिक संक्रमण से ठीक होने वाले सभी लोगों में जरूरी प्रतिरक्षा कोशिकाएं मौजूद रहती हैं, जो उन्हें दोबारा संक्रमित होने से बचाती हैं।

आठ महीने से ज्‍यादा समय तक कायम रहती है एंटीबॉडीज

इंस्टीट्यूट के एक अन्य प्रोफेसर शेन क्रोटी के मुताबिक अध्ययन के दौरान एंटीबॉडीज के साथ ही सभी तरह की कोशिकाओं का एक साथ आकलन किया गया। इसमें पाया गया कि कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडीज संक्रमण के दिन से आठ महीने या उससे अधिक समय तक बनी रहती है। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि वो और विस्तार से अध्ययन कर रहे हैं और उम्मीद है कि कुछ ऐसी जानकारियां मिलेंगी, जिससे यह साबित हो कि प्रतिरक्षा एक साल से डेढ़ साल तक बनी रहती है।

मेमोरी बी कोशिका करती है रक्षा

अध्ययन के मुताबिक ठीक हो चुके मरीज के शरीर में मेमोरी बी नामक सेल्स (कोशिका) हमेशा तैयार रहती है। यदि किसी व्यक्ति को दोबारा संक्रमण होता है तो यह सेल्स सक्रिय हो जाती है और कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडीज तैयार करती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक मानव कोशिकाओं में कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन के जरिये प्रवेश करता है। अध्ययन में पाया गया कि स्पाइक से जुड़ी मेमोरी बी सेल्स संक्रमण के छह महीने बाद रक्त में बढ़ती हैं। 

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