'देश में कहीं भी नहीं चलने देंगे पद्मावती' : राजपूत करणी सेना

सेना के संस्थापक कालवी ने बताया कि भंसाली ने लिखित में वायदा किया था कि वह रिलीज से पहले प्रोमो व फिल्म दिखाएंगे, लेकिन अब मुकर गए हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sun, 12 Nov 2017 08:17 PM (IST) Updated:Sun, 12 Nov 2017 08:56 PM (IST)
'देश में कहीं भी नहीं चलने देंगे पद्मावती' : राजपूत करणी सेना
'देश में कहीं भी नहीं चलने देंगे पद्मावती' : राजपूत करणी सेना

शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। राजस्थान की महारानी पद्मिनी के जीवन पर बनी फिल्म पद्मावती को लेकर श्री राजपूत करणी सेना ने गुजरात भर में विरोध प्रदर्शन किया। सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि संजय लीला भंसाली ने वायदा खिलाफी की है। अब देश में कहीं भी फिल्म नहीं चलने देंगे। 19 को लखनऊ व 26 को पटना में महासम्मेलन होगा।

गांधीनगर के रामकथा मैदान पर गुजरात के कोने-कोने से हजारों राजपूत महिला व पुरुष उमड़े। गांधीनगर जाने वाले मार्ग घंटों जाम रहे। निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में इतिहास के गलत चित्रण व महारानी पद्मिनी की गरिमा के साथ छेड़छाड़ के खिलाफ करणी सेना के आह्वान पर गांधीनगर में महासम्मेलन हुआ, वहीं सूरत, वडोदरा, भावनगर आदि शहरों में रैली व सभा करके राजपूत समाज ने अपना विरोध प्रकट किया।

सेना के संस्थापक कालवी ने बताया कि भंसाली ने लिखित में वायदा किया था कि वह रिलीज से पहले प्रोमो व फिल्म दिखाएंगे, लेकिन अब मुकर गए हैं। फिल्म में इतिहास को तोड़ मरोड़कर दिखाया है, जिससे राजपूत समाज व देश के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। भाजपा सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा, प्रदीप सिंह जाडेजा, आईके जाडेजा, कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल तथा जनविकल्प मोर्चा के शंकर सिंह वाघेला ने फिल्म को लेकर विरोध जताया है।

भाजपा ने चुनाव आयोग से अपील की है कि फिल्म की रिलीज को गुजरात चुनाव तक टाला जाए वहीं वाघेला का कहना है कि राजपूत समाज के नेताओं को रिलीज से पहले फिल्म दिखाई जानी चाहिए। कालवी ने कहा कि 19 को लखनऊ व 26 नवंबर को पटना में भी राजपूत समाज अपना विरोध जताएगा।

इतिहासकारों की ओर से फिल्म को एक मिथक बताने पर भी कालवी ने भड़कते हुए कहा है कि मेवाड़ का इतिहास, किले व सांस्कृतिक विरासत जीवित सबूत हैं और वह खुद उस वंश की 37वीं पीढ़ी से आते हैं। ऐसे में कोई दलील नहीं चलेगी। स्वाभिमान के लिए राजपूतों ने बलिदान दिए हैं, पद्मावती ने भी आत्म सम्मान के लिए 16 हजार रानियों के साथ जौहर किया था। उनके सम्मान व गरिमा से किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे।

महासम्मेलन में शामिल होने के लिए गुजरात भर से राजपूत समाज के लोग उमडे़। सूरत में बिगमास के अरविंद सिंह, राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के महासचिव मनोज सिंह तथा संयुक्त सचिव विनोद सिंह ने भी फिल्म को लेकर विरोध जताया। वडोदरा, भावनगर, अहमदाबाद आदि शहरों में भी राजपूत समाज ने रैली निकालकर नाराजगी जताई।

नकवी बोले, फिल्म को फिल्म की तरह देखें, इतिहास में न जाएं

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि फिल्म को फिल्म की तरह से देखें, उसका इतिहास व भूगोल न खंगालें। फिल्म में जो अच्छा लगता है उसे स्वीकार करें और जो पसंद न आए उसे वहीं पर छोड़ दें। उनका कहना था कि वह न तो फिल्म का समर्थन कर रहे हैं और न ही उसका विरोध।

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