मार्च तक पूरी तरह कबाड़ मुक्त होगा रेलवे

सभी महाप्रबंधकों को भेजे पत्र में रेलवे बोर्ड ने कहा है कि जिस जोन में जितना भी लौह कबाड़ है उसे वित्तीय वर्ष के अंत तक बेच दिया जाना चाहिए।

By Manish NegiEdited By: Publish:Tue, 23 Jan 2018 09:50 PM (IST) Updated:Tue, 23 Jan 2018 09:50 PM (IST)
मार्च तक पूरी तरह कबाड़ मुक्त होगा रेलवे
मार्च तक पूरी तरह कबाड़ मुक्त होगा रेलवे

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रेलवे ने 31 मार्च तक स्वयं को कबाड़मुक्त बनाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सभी जोनों और उत्पादन इकाइयों को निर्देश भेजा है।

सभी महाप्रबंधकों को भेजे पत्र में रेलवे बोर्ड ने कहा है कि जिस जोन में जितना भी लौह कबाड़ है उसे वित्तीय वर्ष के अंत तक बेच दिया जाना चाहिए। इससे न केवल अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, बल्कि रेलवे परिसर गंदगी से भी मुक्त होंगे।

रेलवे बोर्ड ने ये फरमान हाल के दिनो में स्क्रैप की बिक्री में आई तेजी से उत्साहित होकर जारी किया है। चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान दिसंबर तक सभी जोनो ने कुल मिलाकर 1837 करोड़ रुपये के स्क्रैप की बिक्री की। यह पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में दिसंबर तक की गई कुल 1503 करोड़ रुपये की स्क्रैप की बिक्री के मुकाबले 22 फीसद ज्यादा है।

पत्र में बोर्ड ने लिखा है, 'स्क्रैप की बिक्री से होने वाली आय से न केवल राजस्व में वृद्धि होती है, बल्कि ट्रैक, स्टेशन, कार्यशालाएं और डिपो साफ-सुथरे भी रहते हैं।'

रेलवे के स्क्रैप में ज्यादातर घिसी-पिटी हुई पुरानी पटरियां, ट्रैक फिटिंग्स, इंजन, बोगी व वैगनों की मरम्मत व ओवरहालिंग के परिणामस्वरूप निकला लौह स्क्रैप तथा अलौह धातुओं से निर्मित पैडलॉक, कूडे़दान व क्लैंप जैसी उपयोग से बाहर हो चुकी अन्य वस्तुएं शामिल होती हैं।

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