क्वारंटाइन आदेश नहीं मानने पर बेंगलुरु से दिल्ली लौटाए गए रेल यात्री, जानें क्‍या था मामला

कर्नाटक सरकार ने बाहर से आनेवाले यात्रियों के लिए 14 दिनों के क्वारंटाइन का नियम तय कर रखा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 15 May 2020 12:40 AM (IST) Updated:Fri, 15 May 2020 12:40 AM (IST)
क्वारंटाइन आदेश नहीं मानने पर बेंगलुरु से दिल्ली लौटाए गए रेल यात्री, जानें क्‍या था मामला
क्वारंटाइन आदेश नहीं मानने पर बेंगलुरु से दिल्ली लौटाए गए रेल यात्री, जानें क्‍या था मामला

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए बेंगलुरु जाने वाली स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस किसी वरदान से कम नहीं थी। लेकिन, 19 लोग ऐसे निकले जिन्हें अपने हठ के कारण बेंगलुरु पहुंचकर भी वापस लौटना पड़ा। इन यात्रियों ने राज्य सरकार के क्वारंटाइन संबंधी आदेश का विरोध करते हुए वापस भेजे जाने की मांग की थी।

कर्नाटक में यात्रियों के लिए 14 दिनों का क्वारंटाइन है अनिवार्य

दिल्ली से चली स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस गुरुवार को 543 यात्रियों के साथ बेंगलुरु पहुंची। लॉकडाउन के बाद दिल्ली से कर्नाटक पहुंचने वाली यह पहली ट्रेन थी। गंतव्य स्टेशनों पर संबंधित राज्य सरकारों को ही वहां पहुंचने वाले यात्रियों के बारे में फैसला लेने का अधिकार है। बेंगलुरु में भी यही हुआ। कर्नाटक सरकार ने बाहर से आनेवाले यात्रियों के लिए 14 दिनों के क्वारंटाइन का नियम तय कर रखा है। इसलिए, वहां पहुंचने वाले रेल यात्रियों को स्टेशन से सीधे संस्थागत क्वारंटाइन में जाने को कहा गया। कहासुनी के बाद ज्यादातर यात्री क्वारंटाइन में जाने के लिए तैयार हो गए, लेकिन करीब 70 यात्रियों ने इसका विरोध कर दिया। 

दिल्ली आ रही ट्रेन में 19 यात्रियों के लिए जोड़ा गया अलग कोच

स्थानीय प्रशासन ने उन्हें स्टेशन से बाहर आने से रोक दिया। इसके बाद ये लोग नारेबाजी करने लगे और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने लगे। प्रशासन ने उन्हें वापस लौटने का प्रस्ताव दिया। इसके बाद विरोध कर रहे बाकी यात्री तो मान गए, लेकिन 19 ने प्रशासन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

इनमें से 12 ने सिकंदराबाद, दो ने गुंतकल, चार ने अनंतपुर व एक ने नई दिल्ली में उतरने का फैसला किया है। रेलवे के आधिकरिक सूत्रों ने बताया कि वापस लौटने वाले यात्रियों से किराया वसूल कर उनके लिए अलग कोच लगाया गया है। उन्हें लेकर ट्रेन रात 8:30 बजे बेंगलुरु से दिल्ली रवाना हो गई।

1,200 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें तैयार, राज्यों से हरी झंडी का इंतजार

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। अब तक कुल 10 लाख से भी ज्यादा प्रवासियों को 800 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के मार्फत उनके गृह राज्यों तक पहुंचा दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आíथक पैकेज की दूसरी किस्त जारी करते हुए एक सवाल के जवाब में बताया कि प्रवासी मजदूरों के लिए कुल 1,200 ट्रेनें तैयार खड़ी हैं। रेलवे को केवल राज्य सरकारों के आग्रह और हरी झंडी की जरूरत है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए सर्वाधिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया है।

 
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