60 मिनट में राहुल ने पोंछा 23 साल का दुख

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 60 मिनट में सरबजीत के परिवार के तेइस साल के आंसू पोंछने की कोशिश की। सरबजीत की अंतिम विदाई में भिखीविंड पहुंचकर राहुल ने जनता को संदेश दिया कि गांधी परिवार देशवासियों के दुख-सुख का साथी है। राहुल की मौजूदगी ने भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की गैरमौजूदगी का

By Edited By: Publish:Sat, 04 May 2013 10:34 AM (IST) Updated:Sat, 04 May 2013 10:42 AM (IST)
60 मिनट में राहुल ने पोंछा 23 साल का दुख

धीरज कुमार झा, अमृतसर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 60 मिनट में सरबजीत के परिवार के तेइस साल के आंसू पोंछने की कोशिश की। सरबजीत की अंतिम विदाई में भिखीविंड पहुंचकर राहुल ने जनता को संदेश दिया कि गांधी परिवार देशवासियों के दुख-सुख का साथी है।

राहुल की मौजूदगी ने भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की गैरमौजूदगी का भी अहसास करवाया, वहीं अकाली दल द्वारा सरबजीत सिंह के मुद्दे के किए जा रहे राजनीतिकरण को भी हाशिये पर धकेल लिया। पाकिस्तान में हमले के बाद सरबजीत की असामयिक मौत से केंद्र सरकार के खिलाफ देशवासियों में भारी रोष था। भाजपा ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पर दुख की घड़ी में राहुल ने सरबजीत के परिजनों को 'अपना' होने का अहसास करवा दिया। सरबजीत की अंतिम विदाई पर राहुल गांधी के भिखीविंड आने का खाका राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजकुमार के घर पर तैयार हुआ था।

जब सरबजीत की मौत के बाद राहुल गांधी उनके परिजनों से मिलने डा. राजकुमार के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे थे। राहुल से मुलाकात के बाद सरबजीत के परिजनों को विशेष सुविधा देते हुए विशेष विमान से दिल्ली से अमृतसर भेजा गया। डा. राजकुमार खुद सरबजीत के परिजनों को लेकर अमृतसर पहुंचे। सरबजीत दलित परिवार से संबंध रखता है। मतलब साफ है कि दलित वोट बैंक पर भी कांग्रेस की नजर है।

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