राहुल गांधी ने चेताया, भारत को न बनाओ पाकिस्तान

असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी कांग्रेस पार्टी ने इस मामले पर संसद में हो रही बहस का भी जम कर इस्तेमाल किया। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को इसको ले कर सरकार को चेताते हुए कहा कि वह भारत को पाकिस्तान की तरह असहिष्णु नहीं

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2015 05:03 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2015 09:47 PM (IST)
राहुल गांधी  ने चेताया, भारत को न बनाओ पाकिस्तान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी कांग्रेस पार्टी ने इस मामले पर संसद में हो रही बहस का भी जम कर इस्तेमाल किया। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को इसको ले कर सरकार को चेताते हुए कहा कि वह भारत को पाकिस्तान की तरह असहिष्णु नहीं बनाए। विरोधियों की आवाज को कुचलने की प्रवृत्ति की वजह से ही यह एक विफल राज्य बन कर रह गया है।

इसी तरह उन्होंने दलितों की मौत पर असंवेदनशील बयान के बहाने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह पर भी निशाना साधा।लोकसभा में मंगलवार को असहिष्णुता पर चल रही बहस में हिस्सा लेते हुए राहुल ने कहा कि दादरी में ऐसी भयानक घटना होने के बावजूद प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रहे। जिस व्यक्ति को मार डाला गया उसका बेटा वायु सेना में था, इसके बावजूद वे कुछ नहीं बोले। जबकि उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री तक की थी, लेकिन वे चुप रहे। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पाकिस्तान का हवाला देते हुए कहा, 'मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि पाकिस्तान से गलत सबक ना सीखें। अपने लोगों की आवाज सुनिए।

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अपने लोगों को गले लगाइए। पाकिस्तान के नेताओं ने अपने लोगों की आवाज दबाई, असहिष्णु बन गया, इसलिए वह विफल राज्य बन गया है। हम गलत सबक ना सीखें।' उन्होंने सरकार पर लगातार हमला करते हुए कहा कि जो लोग विरोध कर रहे हैं, 'उनमें नारायण मूर्ति, रघुराम राजन और पीएम भार्गव जैसे लोग भी शामिल हैं। लाखों आम लोगों की तरह वे भी व्यथित हैं। उनका सम्मान कीजिए और यह समझने की कोशिश कीजिए कि उनको क्या चीज व्यथित कर रही है। जा कर उनकी बात सुनिए।' सरकार को घेरने के लिए उन्होंने विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के उस कथित बयान का भी इस्तेमाल किया, जिसका खुद सिंह खंडन कर चुके हैं। राहुल ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री ऐसे व्यक्ति को मंत्री बनाए हुए हैं।

अंबेडकर ने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी और संविधान लिखा। ताकि ऐसे बच्चों को न जलाया जा सके। लेकिन प्रधानमंत्री को यह विरोधाभास दिखाई नहीं देता। कांग्रेस उपाध्यक्ष के इस बयान पर सत्ता पक्ष के लोगों ने काफी एतराज जताया। इनका कहना था कि इस बयान से खुद वीके सिंह इंकार कर चुके हैं। वे बता चुके हैं कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था। इसके बावजूद उनकी गैर मौजूदगी में ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।

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