एनजीओ के सहारे सरकार से भिड़ेंगे राहुल

लगातार चुनावी पराजय से पस्त कांग्रेस अब अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 'झोलाछाप' राजनीति के आसरे है। राजनीति में एनजीओ के इस्तेमाल को लेकर पहले भी आलोचना के घेरे में रहे राहुल भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर भी पार्टी को अपनी शैली में ही लेकर चलने को तैयार हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 17 Feb 2015 04:14 AM (IST) Updated:Tue, 17 Feb 2015 04:20 AM (IST)
एनजीओ के सहारे सरकार से भिड़ेंगे राहुल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । लगातार चुनावी पराजय से पस्त कांग्रेस अब अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी की 'झोलाछाप' राजनीति के आसरे है। राजनीति में एनजीओ के इस्तेमाल को लेकर पहले भी आलोचना के घेरे में रहे राहुल भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर भी पार्टी को अपनी शैली में ही लेकर चलने को तैयार हैं। संसद सत्र से ठीक पहले इस मुद्दे को लेकर जंतर-मंतर पर उतरने की तैयारी कर रहे राहुल के आंदोलन में एनजीओ बेहद अहम भूमिका निभाने वाले हैं।

खुद पर भरोसा कम होने के बाद कांग्रेस अब एनजीओ के जरिये भाजपा को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ देश के कई एनजीओ मैदान में उतरने वाले हैं। इसमें पर्यावरण व सूचना के अधिकार से जुड़े स्वयं सहायता समूह संसद सत्र के दौरान चौंकाने वाले खुलासे करने की तैयारी में हैं। शीतकालीन सत्र के बाद से ही कांग्रेस आंतरिक घमासान और लगातार चुनावी पराजय के चलते सरकार पर आक्रामक नहीं हो पा रही थी। ऐसे में हवा का मिजाज पढ़ते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी अब एनजीओ के जरिये राजनीतिक लड़ाई को आगे बढ़ाएगी। इससे पहले भी राहुल एनजीओ के पक्ष में आवाज उठाते रहे हैं। पोस्को और वेदांता के खिलाफ एनजीओ के आंदोलनों में उतर चुके राहुल को लगता है कि इनके सहारे एक बार फिर माहौल बनाया जा सकता है।

-----------------

अन्ना के आंदोलन को पूरा

समर्थन देने की तैयारी

दिल्ली में अन्ना के आंदोलन को एक मकसद के लिए लड़ी जाने वाली लड़ाई बताकर कांग्रेस ने भविष्य के संकेत दे दिए हैं। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'हमारा प्रयास देश के किसानों की लड़ाई लड़ना है। इसमें सभी का स्वागत है।' सुरजेवाला का बयान पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के उलट है। सिंह ने अन्ना को कांग्रेस मुक्त भारत में संघ का सहयोगी करार दिया था। दिग्विजय इससे पहले अन्ना के आंदोलन के पीछे संघ का हाथ बताते रहे हैं। अब मौजूदा हालात में अन्ना जब केंद्र के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, तो कांग्रेस उनके पीछे खड़े होने की तैयारी कर रही है। टीम राहुल के एक नेता के मुताबिक, 'दिल्ली में भाजप की हार के साथ ही मोदी की लोकप्रियता नीचे आ गई है। सामने से आकर अपनी बात कहने से उसे फिर सहानुभूति मिल सकती है। बेहतर होगा अभी पार्टी सही समय का इंतजार करे।' ऐसे में लगता है कि कांग्रेस का तरकश एनजीओ के हवाले रहेगा।

------------------

chat bot
आपका साथी