PMC Bank scam: कोर्ट के बाहर लोगों ने किया जमकर हंगामा, आरोपी को जमानत नहीं देने की मांग

महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाले करने वाले मुख्य आरोपी को जमानत नही जेनें के लिए लोगों ने कोर्ट परिसर के बाहर जमकर हंगामा किया।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Wed, 09 Oct 2019 03:29 PM (IST) Updated:Wed, 09 Oct 2019 03:29 PM (IST)
PMC Bank scam: कोर्ट के बाहर लोगों ने किया जमकर हंगामा, आरोपी को जमानत नहीं देने की मांग
PMC Bank scam: कोर्ट के बाहर लोगों ने किया जमकर हंगामा, आरोपी को जमानत नहीं देने की मांग

मुंबई, एएनआइ। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में 4355 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। आज (बुधवार) महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (PMC Bank) के जमाकर्ताओं ने एस्पलेनैस कोर्ट के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आरोपी को जमानत नहीं दी जाए। इस घोटाले के प्रमुख आरोपी हैं एचडीएल के मालिक, जिन्होंने सिर्फ इस बैंक में ही नहीं बल्कि, चार और बैंकों में घोटाले किए हैं। इन बैंकों में तीन सरकारी और एक नीजी बैंक शामिल है। दरअसल कंपनी के मालिक पिता और पुत्र ने बैंकों से लोन तो लिया लेकिन उसे वापस लौटाया नहीं। 

#WATCH Mumbai: Punjab and Maharashtra Co-operative Bank Ltd (PMC Bank) depositors protested in front of Esplanade court today. Protesters were holding placards demanding no bail for the accused. pic.twitter.com/U41vqXhjEu

— ANI (@ANI) 9 October 2019

पुलिस ने अपनी जांच के दौरान पाया कि पीएमसी बैंक के अधिकारियों ने घाटे में चल रही HDIL कंपनी में सीधे 2000 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। उन्होंने इस रकम को लोन के नाम एचडीआईएल को दिया था। इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थ‍िक अपराध शाखा (EOW) एचडीआईएल के अध्यक्ष राकेश कुमार वाधवान और उनके बेटे सारंग वाधवान को गिरफ्तार कर लिया है। 

जांच के बाद EOW  राकेश कुमार वाधवान और सारंग वाधवान की संपत्ति जब्त कर ली है। जिसकी किमत 3,500 करोड़ रुपये है। इन दोनों से पूछताछ करने के लिए EOW की स्पेशल इनवेस्ट‍िंग टीम अपने साथ लेकर गई थी। लेकिन इन दोनों ने जांच में सहयोग नहीं किया जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया। 

मुंबई पुलिस के अनुसार,  पीएमसी बैंक के पूर्व चेयरमैन वरियाम सिंह और मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस (जो अब निलंबित हो गए हैं) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल,  एचडीआईएल की मदद करने के लिए फर्जी दस्तावेजों के सहारे 44 गुप्त खाते खोले और फिर एचडीआईएल को लोन दिया गया इसके बाद इसे NPA में बदल दिया जिस

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