अखंड भारत के लिए बलिदान देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि, पीएम मोदी ने किया याद

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 23 Jun 2020 09:32 AM (IST) Updated:Tue, 23 Jun 2020 09:32 AM (IST)
अखंड भारत के लिए बलिदान देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि, पीएम मोदी ने किया याद
अखंड भारत के लिए बलिदान देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि, पीएम मोदी ने किया याद

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। एक विधान एक निशान आंदोलन के नायक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मंगलवार को पुण्यतिथि है। 23 जून 1953 को श्रीनगर की जेल में रहस्यमय हालात में उनकी मौत हो गई थी। साल 1953 में आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू कश्मीर में लागू परमिट सिस्टम तोड़ने के लिए आए थे। उन्हें जम्मू कश्मीर पुलिस ने लखनपुर में ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्हें 44 दिन जेल में रखा गया और 13 जून, 1953 को उनकी मौत हो गई। बता दें कि महाराजा हरि सिंह के जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के बावजूद नेहरू और शेख अब्दुल्ला के समझौते के तहत अनुच्छेद-370 पूर्ण विलय में बाधा बन गया था। इतना ही नहीं राज्य में प्रवेश के लिए भी परमिट लेना आवश्यक था। प्रजा परिषद ने देश में जम्मू-कश्मीर के संपूर्ण विलय की मांग को लेकर पंडित प्रेमनाथ डोगरा के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में आंदोलन चलाया था। जिसमें शामिल होने के लिए शयामा प्रसाद मुखर्जी भी वहां गए थे।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, "मां भारती के महान सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी श्यामा मुखर्जी के बलिदान को याद किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "मैं डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर नमन करता हूं। हम अपने राष्ट्र के लिए उनके असाधारण योगदान और सेवा से प्रेरित हैं।"

इसके साथ ही भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह ने कहा, "डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और अंत्योदय को देश की प्रगति का आधार मानकर ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान-नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे' का नारा दिया, कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन।"

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