आसाराम केस के गवाह अमृत प्रजापति की मौत, चेलों पर हत्या का आरोप

दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद कथावाचक आसाराम और उनके बेटे नारायण साई के खिलाफ आवाज उठाने वाले वैद्य अमृत प्रजापति की सोमवार को यहां मौत हो गई। आसाराम के पूर्व सहयोगी प्रजापति को करीब दो सप्ताह पहले राजकोट में बेहद करीब से गोली मार दी गई थी। प्रजापति ने सूरत की दो बहनों के यौन शोषण मामले में आसाराम के खिलाफ गवाही दी थी।

By Edited By: Publish:Tue, 10 Jun 2014 11:21 AM (IST) Updated:Wed, 11 Jun 2014 12:23 AM (IST)
आसाराम केस के गवाह अमृत प्रजापति की मौत, चेलों पर हत्या का आरोप

अहमदाबाद। दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद कथावाचक आसाराम और उनके बेटे नारायण साई के खिलाफ आवाज उठाने वाले वैद्य अमृत प्रजापति की सोमवार को यहां मौत हो गई। आसाराम के पूर्व सहयोगी प्रजापति को करीब दो सप्ताह पहले राजकोट में बेहद करीब से गोली मार दी गई थी। प्रजापति ने सूरत की दो बहनों के यौन शोषण मामले में आसाराम के खिलाफ गवाही दी थी।

राजकोट में अज्ञात लोगों द्वारा किए गए हमले के बाद से वह जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे थे। प्रजापति के परिजनों का आरोप है कि यह हमला आसाराम और साई के इशारे पर ही किया गया था। सोमवार सुबह उधव इलाके में स्थित अपने घर में उनकी मौत हो गई। प्रजापति के मामा मोती प्रजापति ने बताया कि सुबह करीब सात बजे वह अचेत हो गए जिसके बाद उनकी पत्नी ने मुझे बुलाया। मैं उनके घर पहुंचा और प्रजापति को सिविल अस्पताल ले गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

प्रजापति ने आसाराम के अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में कई वर्ष तक अपनी सेवाएं दी थीं। बाद में यहां चलने वाले गोरखधंधे के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाते हुए आश्रम छोड़ दिया। आश्रम में दो बच्चों की मौत के बाद उन्होंने आसाराम और नारायण साईं पर गंभीर आरोप लगाए थे। सूरत की दो बहनों से दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद से वह आसाराम और नारायण साई के खिलाफ ज्यादा मुखर हो गए थे।

कौन थे अमृत प्रजापति?

अमृत प्रजापति आसाराम के वैद्य थे। वह उनका इलाज करते थे। आसाराम के केस में प्रजापति ने उनके खिलाफ गवाही दी थी। वह इस केस के अहम गवाह माने जा रहे थे। आगे भी उनकी गवाही होनी थी, जिसे लेकर आसाराम के समर्थकों में खलबली थी। बताया जा रहा है कि प्रजापति को गवाही न देने के लिए उनकी हत्या करवाई गई है जिसका आरोप आसाराम के 6 चेलों पर लगा है।

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