पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती आज, पीएम ने दी श्रद्धांजलि

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 71 वीं जयंती पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी, राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अनेक नेताओं ने उन्‍हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी है। 1984 में इंदिरा गांधी

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2015 08:41 AM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2015 11:56 AM (IST)
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती आज, पीएम ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 71 वीं जयंती पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अनेक नेताओं ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। इसके अलावा संसद भवन में भी सांसदों ने भी उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गांधी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद 1989 के आम चुनावों में कांग्रेस की हार हुई और पार्टी दो साल तक विपक्ष में रही। 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान उनकी विस्फोट से हत्या कर दी गई थी।

I pay my tributes to India's former PM Shri Rajiv Gandhi on his birth anniversary.

— Narendra Modi (@narendramodi) August 20, 2015

राजनीति में आने से पहले राजीव गांधी एयरलाइन में पाइलट थे। आपातकाल के उपरान्त जब इन्दिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए राजीव परिवार के साथ विदेश में रहने चले गए थे। लेकिन 1980 में अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता इन्दिरा को सहयोग देने के लिए राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया। वो अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने और 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद उन्हें भारत के 9 वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। इसके बाद हुए आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।

राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में भारतीय सेना द्वारा बोफ़ोर्स तोप की खरीदारी में ली गई घूस का मुद्दा उछला, जिसका मुख्य पात्र इटली का एक नागरिक ओटावियो क्वाटोराची था, जो कि सोनिया गांधी का मित्र था। अगले चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और राजीव को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा।

chat bot
आपका साथी