क्योटो की तर्ज पर संवरेगी काशी

बाबा विश्वनाथ की नगरी और देश की धार्मिक राजधानी वाराणसी अब दुनिया के चुनिंदा स्मार्ट शहरों में भी शामिल होगी। अपने चुनाव अभियान में ही जनता को इसका अहसास करा चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस मिशन में कितने गंभीर हैं इसका संकेत उन्होंने इसी से दे दिया कि जापान पहुंचते ही दोनों देशों के बीच इस बाबत पहला करार हुआ। वाराणसी को परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम बनाने के मोदी के इस जतन में जापान भी हर मुमकिन साथ देगा। इस संबंध में शनिवार को मोदी की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच सहयोग समझौते पर दस्तखत हुए।

By Edited By: Publish:Sat, 30 Aug 2014 07:38 AM (IST) Updated:Sat, 30 Aug 2014 11:40 PM (IST)
क्योटो की तर्ज पर संवरेगी काशी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बाबा विश्वनाथ की नगरी और देश की धार्मिक राजधानी वाराणसी अब दुनिया के चुनिंदा स्मार्ट शहरों में भी शामिल होगी। अपने चुनाव अभियान में ही जनता को इसका अहसास करा चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने इस मिशन में कितने गंभीर हैं इसका संकेत उन्होंने इसी से दे दिया कि जापान पहुंचते ही दोनों देशों के बीच इस बाबत पहला करार हुआ। वाराणसी को परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम बनाने के मोदी के इस जतन में जापान भी हर मुमकिन साथ देगा। इस संबंध में शनिवार को मोदी की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच सहयोग समझौते पर दस्तखत हुए।

भारतीय उप महाद्वीप से बाहर अपने पहले द्विपक्षीय दौरे के तहत जापान पहुंचे मोदी ने अपना पहला पड़ाव क्योटो को ही बनाया है। यहां उनकी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच 'मान्य साझेदार शहर' समझौते पर दस्तखत किए गए। इसके तहत वाराणसी को स्मार्ट शहर के तौर पर विकसित करने में जापान मदद करेगा। समझौते पर जापान में भारत के राजदूत दीपा वाधवा और क्योटो के मेयर डायसाकू काडोकावा ने दस्तखत किए। एबी ने मोदी के सम्मान में रात्रि भोज भी दिया। दोनों नेताओं ने मछली को खाना खिलाने की जापानी धार्मिक परंपरा में भाग लिया।

वाराणसी के विकास की ललक में प्रधानमंत्री ने अपनी जापान यात्रा के कार्यक्रम में फेर-बदल करते हुए सबसे पहले क्योटो जाने का फैसला किया था ताकि वे इस शहर के अनुभव से सीख सकें। यहां तक कि जापानी प्रधानमंत्री भी पारंपरिक औपचारिकता को तोड़ते हुए उनका स्वागत करने के लिए राजधानी टोक्यो को छोड़ यहां पहुंच गए। दोनों की मौजूदगी में इस समझौते पर दस्तखत किए गए। इससे पहले अपनी पांच दिन की जापान यात्रा के तहत प्रधानमंत्री शनिवार की दोपहर ओसाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि यह समझौता वाराणसी की विरासत, पवित्रता और पारंपरिकता को कायम रखने और शहर के आधारभूत ढांचे को आधुनिकतम बनाने में मदद करेगा। इसके साथ ही कला, संस्कृति और अकादमिक क्षेत्र में भी शहर के विकास में दोनों देश सहयोग करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव से पहले ही वादा किया था कि वे देश में सौ स्मार्ट शहर विकसित करेंगे। वाराणसी के अलावा वे मथुरा, गया, अमृतसर, अजमेर और कांचीपुरम जैसे कई धार्मिक शहरों के लिए भी ऐसी ही योजना तैयार कर रहे हैं। ये शहर धार्मिक पर्यटन के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं, मगर हाल के वर्षो में ये विकास की रफ्तार में पीछे रह गए हैं।

मोदी ने एबी को भगवद गीता का संस्कृत और जापानी संस्करण के अलावा स्वामी विवेकानंद के जापान से जुड़े संस्मरणों पर आधारित एक पुस्तक भी भेंट की। प्रधानमंत्री अपने साथ इस किताब के जापानी और अंग्रेजी संस्करण ले गए थे। समझौते पर दस्तखत के बाद वहां के मेयर और दूसरे अधिकारियों ने मोदी को एक प्रेजेंटेशन देकर बताया कि शहर को कैसे विकसित किया जाए ताकि उसकी ऐतिहासिकता भी बनी रहे, प्रकृति को नुकसान भी नहीं पहुंचे और उसे आधुनिक भी बनाया जा सके।

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