दैनिक जीवन में और ज्यादा हास्य व व्यंग्य की जरूरत : मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं चो रामास्वामी को व्यक्तिगत तौर पर जानता था। उनका नहीं रहना ये मेरे लिए निजी तौर पर नुकसान है। वह बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे।

By Mohit TanwarEdited By: Publish:Sat, 14 Jan 2017 09:12 PM (IST) Updated:Sun, 15 Jan 2017 12:41 AM (IST)
दैनिक जीवन में और ज्यादा हास्य व व्यंग्य की जरूरत : मोदी
दैनिक जीवन में और ज्यादा हास्य व व्यंग्य की जरूरत : मोदी

चेन्नई, प्रेट्र। दैनिक जीवन में और ज्यादा हास्य व व्यंग्य की पैरवी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हास्य को 'सबसे अच्छा इलाज' बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक मुस्कान या हंसी की ताकत किसी अपशब्द या हथियार से कहीं ज्यादा होती है।

दिवंगत 'चो' एस. रामास्वामी की शुरू की गई तमिल पत्रिका 'तुगलक' की 47वीं वर्षगांठ के मौके पर दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मोदी ने कहा, 'हास्य सेतु बनाने का काम करता है न कि उन्हें तोड़ता है.. और आज हमें ठीक इसी की जरूरत है। सेतु बनाने की, लोगों के बीच सेतु बनाने की, समुदायों के बीच सेतु बनाने की और समाजों के बीच सेतु बनाने की।'

अपने 'मित्र' रामास्वामी के गुणों का बखान करते हुए मोदी ने कहा कि इस अभिनेता-पत्रकार को व्यंग्य और हास्य में महारत हासिल थी। वह एक वाक्य या एक कार्टून के जरिये अपनी बात कहने में माहिर थे। उन्होंने कहा, 'इस मौके पर मुझे 'चो' का एक कार्टून याद आता है जिसमें लोग मुझे बंदूकों से निशाना बना रहे थे और आमजन मेरे सामने खड़े थे।

'चो' ने पूछा था कि वास्तविक लक्ष्य कौन है, मैं या आम लोग। यह कार्टून आज के परिप्रेक्ष्य में कितना सटीक बैठता है।' हालांकि प्रधानमंत्री ने इस वाकये का जिक्र करते हुए किसी घटना का संदर्भ नहीं दिया और न ही इसकी व्याख्या की।

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