देश के लोकतंत्र को कुचलने की साजिश थी आपातकालः पीएम मोदी

देश में आपातकाल लगाए जाने के आज 40 साल पूरे हो गए। 25 जून, 1975 को तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोपा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल की चर्चा करते हुए ट्विटर पर अपने विचार व्‍यक्‍त किए। उन्‍होंने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का काला धब्‍बा करार

By Sanjay BhardwajEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2015 08:46 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2015 12:17 PM (IST)
देश के लोकतंत्र को कुचलने की साजिश थी आपातकालः पीएम मोदी

नई दिल्ली। देश में आपातकाल लगाए जाने के आज 40 साल पूरे हो गए। 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोपा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल की चर्चा करते हुए ट्विटर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का काला धब्बा करार दिया।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण को याद किया। उन्हाेंने कहा कि जेपी के एक आह्वान पर देश भर में लोग नि:स्वार्थ भाव से लोकतंत्र को बचाने के लिए एकसाथ आए। उन्होंने आपातकाल को काला अध्याय बताते हुए लिखा है कि आपातकाल देश के लोकतंत्र को कुचलने की साजिश थी।

पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से भी आपातकाल को याद किया। उन्होंने कहा कि आपातकाल विरोधी आंदोलन से काफी युवाआें को काफी कुछ सीखने को मिल सकता है। हमें उन लाखों लोगों पर गर्व है जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और जिसके कारण हमारा लोकतांत्रिक ढांचा सुरक्षित बच सका।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल ने बड़े फलक पर विभिन्न विचारधारा वाले नेताओं और संगठनों को एक मकसद, लोकतंत्र की बहाली के लिए मिलकर काम करने का अवसर दिया। उन्होंने लिखा है कि प्रगति के लिए एक जीवंत उदार लोकतंत्र महत्वपूर्ण है। हमें हमारे लोकतांत्रिक अादर्शों और लोकाचार को मजबूत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करते रहना होगा।

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