बाबा साहब की स्‍मृति में पीएम मोदी ने जारी किए 125 और 10 रुपये के सिक्‍के

भारतीय संविधान के जनक डाक्‍टर भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की स्‍मृति में 125 रुपये और 10 रुपये के स्मारक सिक्के जारी किए। इस अवसर पर दिए अपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि लोग उनसे अकसर पूछते हैं कि

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2015 09:24 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2015 02:50 PM (IST)
बाबा साहब की स्‍मृति में पीएम मोदी ने जारी किए 125 और 10 रुपये के सिक्‍के

दिल्ली। भारतीय संविधान के जनक डाक्टर भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की स्मृति में 125 रुपये और 10 रुपये के स्मारक सिक्के जारी किए।

इस अवसर पर दिए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि लोग उनसे अकसर पूछते हैं कि 15 अगस्त, 26 जनवरी के बारे में हम जानते थे लेकिन आप 26 नवंबर कहा से ले आए। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें यह सब सुनकर ताज्जुब होता है। पीएम ने कहा कि वो नहीं मानते कि कभी भारत के इतिहास में ऐसा दिन आएगा जब सिक्कों पर बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर होगी।

अपने आवास पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ ही लोग हैं जिनमें बाबा साहेब के निधन के 60 वर्ष बाद भी जन चेतना में जीवित हैं। उन्होंने कहा कि हम भारत के सामने फिलहाल मौजूद मुद्दों के संदर्भ में जितना अंबेडकर के विचारों को याद करेंगे, हम ‘उनके दृष्टिकोण और समग्रता के उनके रूख का उतना ही अधिक सम्मान करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय के प्रति उनके योगदान को पहचान मिली है लेकिन उनके आर्थिक विचारों तथा दृष्टिकोण को अब भी पूरी तरह से समझा नहीं गया है और इसकी सराहना होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय' के मंत्र को अहम बताते हुए कहा कि नई पीढ़ी को अंबेडकर के विचारों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। मोदी ने कहा कि देश की एकता में अंबेडकर के योगदान को कभी नकारा नहीं जा सकता है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा है कि वह संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को एक दलित नेता के रूप में न देखकर एक राष्ट्रीय नेता के रूप में देखते हैं। उन्होंने ही पहली बार देश में रोजगार कार्यालय का विचार दिया था। उनका कहना था कि अंबेडकर ने सभी राज्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए और सामाजिक रूप से पिछड़े समुदाय की वेलफेयर की बात की थी। उन्होंने कहा कि वह डॉक्टर अंबेडकर को मोर्डन इंडिया के आर्किटेक्ट के रूप में देखते हैं। यह बातें उन्होंने डॉक्टर अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर कही।

इससे पूर्व भारतीय संविधान के जनक डाक्टर भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। उनके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डॉ अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान ने भी महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके साथ मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने बाबा साहब डॉ भीमराव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली और सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण थावर चंद गहलोत इस मौके पर मौजूद थे. इससे पहले आज, मोदी ने संसद परिसर लॉन में अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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