एक-दूसरे की चिंता समझें भारत-चीन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे से बेहद आशान्वित हैं। उनका कहना है कि रिश्तों की मजबूती के लिए भारत-चीन को एक-दूसरे की चिंताओं को समझना होगा। बराबरी के आधार उनका समाधान खोजना होगा। द्विपक्षीय हितों का ख्याल रखना होगा।

By Edited By: Publish:Tue, 16 Sep 2014 03:56 PM (IST) Updated:Tue, 16 Sep 2014 10:32 PM (IST)
एक-दूसरे की चिंता समझें भारत-चीन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे से बेहद आशान्वित हैं। उनका कहना है कि रिश्तों की मजबूती के लिए भारत-चीन को एक-दूसरे की चिंताओं को समझना होगा। बराबरी के आधार उनका समाधान खोजना होगा। द्विपक्षीय हितों का ख्याल रखना होगा। चिनफिंग का स्वागत करने अहमदाबाद पहुंचे पीएम ने उम्मीद जताई कि चीनी राष्ट्रपति के भारत दौरे से दोनों देशों की दोस्ती में नए युग की शुरुआत होगी। मोदी बुधवार को हयात होटल में चिनफिंग से मुलाकात करेंगे। बाद में वह साबरमती रिवर फ्रंट में चीनी राष्ट्रपति के सम्मान में रात्रि भोज देंगे। चिनफिंग भारत के तीन दिवसीय दौरे पर बुधवार को अहमदाबाद पहुंचेंगे।

गुजरात रवाना होने से पहले मोदी ने नई दिल्ली स्थित चीन के पत्रकारों से दोनों देशों के बीच संबंधों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने साफ कहा, 'द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए यह जरूरी है कि हम एक-दूसरे की चिंताओं और आकांक्षाओं को समझें। भाईचारा और बराबरी के सिद्धांत पर चलते हुए उनका समाधान खोजें।' मोदी की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लद्दाख के देमचोक इलाके में चीन की ओर से घुसपैठ की खबर आई है। जिसमें कहा गया है कि सरकारी वाहनों पर सवार चीनी अधिकारी एक सिंचाई परियोजना में कार्यरत स्थानीय लोगों को काम करने से रोक रहे हैं। उम्मीद है कि सीमा विवाद का मुद्दा मोदी-चिनफिंग शिखर वार्ता में उठे। पीएम का कहना था, 'मैं दोनों देशों के बीच रिश्तों को नई ऊंचाई तक ले जाना चाहता हूं।' उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते किसी भी गणित के आकलन से परे हैं। मोदी ने उम्मीद जताई कि भारत-चीन आपसी सहयोग बढ़ाकर दोस्ती का नया इतिहास रचेंगे। मोदी के अनुसार भारत चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के दौरे को काफी महत्व देता है। उनके अनुसार, 'भारत और चीन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तौर पर एक-दूसरे से जुड़े हैं। दोनों देशों के बीच दोस्ती से पूरी मानव जाति के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सकता है।' दोनों देशों की विशाल आबादी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अगर भारत, चीन तरक्की करते हैं तो इससे दोनों देशों में रहने वाली दुनिया की लगभग 35 फीसद आबादी प्रभावित होगी। पीएम के अनुसार, 'अगर भारत की विविधता को समझना है तो राष्ट्राध्यक्षों को दिल्ली के अलावा देश के दूसरे छोटे शहरों में भी आना चाहिए।' चिनफिंग संभवत: पहले ऐसे राष्ट्राध्यक्ष होंगे, जिन्होंने अपने दौरे की शुरुआत गुजरात से की है। अहमदाबाद के बाद 18 सितंबर को नई दिल्ली में भी मोदी और शी के बीच शिखर वार्ता होगी। चीन के राष्ट्रपति भारी भरकम प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आ रहे हैं। इसमें वहां के वाणिज्य मंत्री के अलावा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलितब्यूरो के दो प्रमुख सदस्य भी शामिल हैं। अपने दौरे में राष्ट्रपति शी भारत में बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा कर सकते हैं।

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