खाड़ी देशों में फैला है PFI की फंडिंग का नेटवर्क; रेमीटेंस के रूप में आता है फंड, फिर कैश खाते में होता है जमा

एजेंसियों के रडार से बचने के लिए पीएफआइ ने कई तरीके अपना रखे हैं। पीएफआइ खाड़ी के देशों से जमा फंड को सीधे खाते में बजाय इसे वहां काम करने वालों की ओर रेमिटेंस के रूप में भारत मगांता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Sep 2022 07:58 PM (IST) Updated:Fri, 23 Sep 2022 08:12 PM (IST)
खाड़ी देशों में फैला है PFI की फंडिंग का नेटवर्क; रेमीटेंस के रूप में आता है फंड, फिर कैश खाते में होता है जमा
पीएफआइ ने अपनी फंडिंग के लिए खाड़ी देशों में बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा है।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। भारत में आतंकी और हिंसक गतिविधियों के लिए जांच एजेंसियों का सामना कर रहे पीएफआइ ने खाड़ी देशों में फंड जुटाने का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा है। एजेंसियों के रडार से बचने के लिए पीएफआइ खाड़ी के देशों से जमा फंड को सीधे खाते में बजाय पीएफआइ इसे वहां काम करने वालों की ओर रेमिटेंस के रूप में भारत मगांता है और उसके बाद अपने खाते में डोनेशन के रूप में दिखाता है। लेकिन पीएफआइ के गिरफ्तार पदाधिकारियों और छापे में मिले दस्तावेजों से उसकी कलई खुल गई है।

फंड जुटाने के लिए जिला स्तरीय कमेटियां

ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पीएफआइ ने खाड़ी के देशों में फंड जुटाने के लिए जिला स्तरीय कमेटियां बना रखी है। ये कमेटियां वहां रहने वाले भारतीयों के साथ-साथ अन्य स्त्रोतों से फंड एकट्ठा करने का काम करती हैं। इसके बाद इस फंड को या तो रेमीटेंस या फिर हवाला के रूप में भारत भेजा जाता है।

सीधे पीएफआइ के खाते में जमा कराई जाती है रकम

पीएफआइ खाड़ी में काम करने वाले अपने समर्थक भारतीयों के माध्यम से उनके परिवार के सदस्यों के खाते में या फिर खुद उसके भारत में स्थित एनआइई खाते (नान रेजिडेंट एक्सटर्नल एकाउंट) में फंड ट्रांसफर करवाता है। बाद में उस फंड को कैश में या फिर सीधे पीएफआइ के खाते में जमा करा दिया जाता है। पीएफआइ इसे भारत में आम लोगों से मिले डोनेशन के रूप में दिखाता है।

विदेश से कोई फंड नहीं लेता पीएफआइ

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 2018 से 2020 के बीच पीएफआइ के कोषाध्यक्ष रहे पी कोया ने ईडी को दिये बयान में दावा किया कि उनका संगठन विदेश से कोई फंड नहीं लेता है। लेकिन ईडी की जांच में उसके दावे की पोल खुल गई है। एनआइए ने गुरूवार को पी कोया को भी गिरफ्तार कर लिया है।

पूरी साजिश का पर्दाफाश

हाथरस मामले में गिरफ्तार केए राउफ शेरीफ ने ईडी के दिये बयान में खाड़ी के देशों से फंड जुटाने और पीएफआइ के खाते में उसका संकेत नहीं मिलने की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया है। राउफ शेरीफ को खाड़ी देशों से पीएफआइ का 1.36 करोड़ का फंड मिलने के सबूत मिले हैं। इनमें से 21 लाख रुपये कतर से शफीक पेयेथ ने भेजा था। ईडी ने गुरूवार को शफीक पेयेथ को भी गिरफ्तार कर लिया है।

बड़ी मात्रा में फर्जी फंडिंग के सबूत मिले

यही नहीं शफीक पेयेथ ने कतर स्थित अपने एकांउट से केरल के अपने एनआरई एकाउंट में भी फंड ट्रांसफर किया था, जिसे बाद में पीएफआइ के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। खाड़ी देशों से फंडिंग के साथ-साथ पीएफआइ के खिलाफ भारत में भी बड़ी मात्रा में फर्जी फंडिंग के सबूत मिले हैं। आंध्रप्रदेश में कई लोगों के खाते से पीएफआइ को डोनेशन की बात सामने आई।

गरीब लोगों के नाम पर खाता खोला

ईडी ने जब इन लोगों से पूछताछ की तो उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीएफआइ के कैडर ने गरीब लोगों के नाम पर खाता खोल लिया और वही उसे संचालित भी करता था। इसी तरह से दिल्ली में पीएफआइ के दफ्तर से मिले डोनेशन के पर्चियों की जांच की गई तो उनमें बहुत सारे में पूरा नाम पता भी नहीं मिला। जिनका मिला उसमें भी इससे साफ इनकार कर दिया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिक्शा चलाने वाले और दहाड़ी मजदूरी करने वालों के नाम पर हजारों रूपये के डोनेशन दिखाये गए थे। 

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