संसद : इस बार भी बिल पास कराने में सरकार के छूटेंगे पसीने

संसद का सत्र आज से शुरू हो रहा और प्रधानमंत्री ने इसके बेहतर होने की संभावना भी जता दी है। लेकिन, यह बात भी गौर करने लायक है कि सरकार को घेरने की विपक्ष की कोशिश इस दफा पहले से मजबूत हो सकती है। भूमि अधिग्रहण बिल सहित जम्‍मू-कश्‍मीर मुद्दे

By vivek pandeyEdited By: Publish:Mon, 20 Apr 2015 08:36 AM (IST) Updated:Mon, 20 Apr 2015 10:56 AM (IST)
संसद : इस बार भी बिल पास कराने में सरकार के छूटेंगे पसीने

नई दिल्ली। संसद का सत्र आज से शुरू हो रहा और प्रधानमंत्री ने इसके बेहतर होने की संभावना भी जता दी है। लेकिन, यह बात भी गौर करने लायक है कि सरकार को घेरने की विपक्ष की कोशिश इस दफा पहले से मजबूत हो सकती है। भूमि अधिग्रहण बिल सहित जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर बवाल होने की आशंका है।

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जनता परिवार के एक होने के बाद का यह पहला सत्र होगा। ऐसे में विपक्ष का सुर लोकसभा में भी सरकार पर भारी पड़ सकता है, जबकि राज्यसभा में तो सरकार के पसीने छूटने तय हैं। कांग्रेस भी दावा कर रही है कि वह नए जोश के साथ सत्र में सरकार के सामने होगी। इसके साथ ही संसद से सड़क तक आंदोलन करने की घोषणा कांग्रेस ने की है, जिसकी शुरूआत रविवार की किसान रैली से हो चुका है।

इस बीच जनता परिवार ने भी अपना पासा खेलना शुरू कर दिया है। जनता परिवार के वरिष्ठ नेता शरद यादव की मुफ्ती मोहम्मद सईद से मुलाकात के साथ ही नए संगठन ने कश्मीर का पासा खेल दिया है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि संसद में भी कश्मीर का मुद्दा अलग ढंग से उठाया जा सकता है।

इस बीच कांग्रेस के संसद में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बयान दिया है कि वे भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करेंगे। साथ ही कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सींधिया का कहना है कि कांग्रेस गरीब और किसान के खिलाफ उठने वाले हर कदम का विरोध करेगी।

भाजपा की ओर से भी बयान आए हैं। सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि यह सत्र रचनात्मक होगा। मोदी ने पिछले सत्र को सफल बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी दलों के सहयोग से ही संसद अच्छे निर्णय कर सकती है।

सरकार ने भी पहले से ही सारी आशंकाओं के मद्देनजर तैयारी कर ली है। सूत्रों के अनुसार यदि इस सत्र में बात नहीं बनी तो सरकार संयुक्त सत्र भी बुला सकती है। राज्यसभा में संख्याबल में कम भाजपा के सामने यही एक विकल्प बचा भी है।

यह हैं मुख्य चुनौतियां :

1: जनता परिवार का एक होना

2: कांग्रेस का उग्र आंदाेलन की चेतावनी देना

3: भूमि अधिग्रहण बिल पर विपक्ष का रुख

4: राज्यसभा में कम संख्या होना

5: अन्य बिलों पर भी सरकार और विपक्ष आमने-सामने

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