भारत की जवाबी कार्रवाई से पाक रेंजर्स हताश, बदला सेक्टर कमांडर

मौत के सौदागरों को खुद जान के लाले पड़ गए हैं। सीमा पर सीमा सुरक्षा बल की जवाबी कार्रवाई में गहरे आघात के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स हताश हैं व उनका मनोबल बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। 'आप दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वर्किंग बाउंडरी पर डटे रहो। हमने आपके लिए वह काबिल सेक्टर कमांडर लाया है, जिसने क

By manoj yadavEdited By: Publish:Tue, 14 Oct 2014 08:44 AM (IST) Updated:Tue, 14 Oct 2014 12:12 PM (IST)
भारत की जवाबी कार्रवाई से पाक रेंजर्स हताश, बदला सेक्टर कमांडर

जम्मू [विवेक सिंह]। मौत के सौदागरों को खुद जान के लाले पड़ गए हैं। सीमा पर सीमा सुरक्षा बल की जवाबी कार्रवाई में गहरे आघात के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स हताश हैं व उनका मनोबल बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।

'आप दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वर्किंग बाउंडरी पर डटे रहो। हमने आपके लिए वह काबिल सेक्टर कमांडर लाया है, जिसने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया था।' पाकिस्तान के सियालकोट सेक्टर में हिम्मत हार चुके रेंजर्स के लिए उनके आकाओं द्वारा प्रसारित इस संदेश को इस ओर खुफिया एजेंसियों ने पकड़ा है। गोलाबारी का कड़ा जवाब मिलने के बाद नुकसान का सामना कर रहे पाकिस्तान ने पूर्व ब्रिगेडियर वसीम जफ्फर भट्टी को सियालकोट सेक्टर का कमांडर बनाया है। सियालकोट सेक्टर का कमांडर बना वसीम जफ्फर भट्टी कारगिल में पाकिस्तानी सेना की यूनिट कमान कर चुका है। भट्टी से पहले सियालकोट सेक्टर चिनाब रेंजर्स के कमांडर ब्रिगेडियर मतीन अहमद खान थे।

यह संदेश वायरलैस पर उन पाकिस्तानी रेंजर्स को दिया जा रहा है, जिन्हें सीमा सुरक्षा बल की सटीक गोलाबारी में जान के लाले पड़ गए हैं। पाकिस्तान की करीब चार दर्जन चौकियां ध्वस्त होने के साथ रेंजर्स को जानमाल का बहुत नुकसान हुआ है। नेतृत्व उसे छिपाने की कोशिश कर रहा है। रविवार सुबह भी अरनिया के सामने स्थित पाकिस्तान की चंदर पोस्ट से पाकिस्तान की एंबुलेंस को सुबह पौने आठ बजे घायलों को ले जाते हुए देखा गया था। सीमा पार एंबुलेंस तभी आती है जब अधिक नुकसान पहुंचा हो।

बीएसएफ जम्मू के सेक्टर कमांडर डीआइजी बीएस कसाना ने इसकी पुष्टि की कि सीमा पार से गोलाबारी के दौरान ही पाकिस्तान रेंजर्स के सेक्टर कमांडर को बदला गया है। पाकिस्तान के इस सेक्टर ने ही अरनिया, त्रेवा, जोड़ा फार्म, महाशे दे कोठे में सबसे अधिक गोलाबारी कर लोगों को नुकसान पहुंचाया। सीमा सुरक्षा बल की सटीक जवाबी कार्रवाई के दौरान रेंजर्स को बहुत नुकसान हुआ है। ऐसे में उनका हताश होना स्वाभाविक है।

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी करने में जुटे रेंजर्स की कमान पाकिस्तानी सेना के हाथ में है। इस इलाके में उन अधिकारियों को ही तैनात किया जाता है, जिन्होंने युद्धों में हिस्सा लिया है। रेंजर्स में आने के बाद उनका रैंक विंग कमांडर का होता है। सांबा, रामगढ़ आदि सीमा के सामने तैनात 12 चिनाब रेंजर्स का सेक्टर कमांडर मुहम्मद अली भी कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुका है व उसका एक पांव नकली है।

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