रियो ओलंपिक में बेटियों की कामयाबी पर देश को गर्व - पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश की जनता से रूबरू हुए।

By kishor joshiEdited By: Publish:Sun, 28 Aug 2016 08:14 AM (IST) Updated:Sun, 28 Aug 2016 11:40 AM (IST)
रियो ओलंपिक में बेटियों की कामयाबी पर देश को गर्व - पीएम मोदी

नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिये देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रियो ओलंपिक में बेटियों की कामयाबी से देश को गर्व है। उन्होंने कहा कि हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के जन्मदिन 29 को अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये सच है कि पदक तालिका में हमें कम मेडल मिले लेकिन खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया।

उन्होंने कहा, "मैं ध्यान चंद जी को श्रद्धांजलि देता हूँ और इस अवसर पर आप सभी को उनके योगदान की याद भी दिलाना चाहता हूँ। कल 29 अगस्त को हॉकी के जादूगर ध्यान चंद जी की जन्मतिथि है | पूरे देश में ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रुप में मनाया जाता है।"

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मन की बात के मुख्य बिंदु

हमारी बेटियों ने एक बार फिर साबित किया की वो किसी से कम नहीं है।पदक न मिलने के बावजूद भी अगर ज़रा ग़ौर से देखें, तो कई विषयों में पहली बार भारत के खिलाड़ियों ने काफी अच्छा करतब भी दिखाया है।हमें जो पदक मिले, बेटियों ने दिलाए | हमारी बेटियों ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी तरह से, किसी से भी कम नहीं हैं।पी.टी. ऊषा के बाद, 32 साल में पहली बार ललिता बाबर ने ट्रैक फील्ड फाइनल के लिए क्वालिफाई किया।अभिनव बिंद्रा और दीपा कर्माकर का प्रदर्शन शानदार था।सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक कमेटी बनाने की घोषणा की है। जो खेलों के बारे में गहराई से पड़ताल करेगी।जीवन में जितना ‘माँ’ का स्थान होता है, उतना ही शिक्षक का स्थान होता है।राज्य सरकारों से आग्रह है कि वे कमेटियाँ बनाएँ, खेल जगत से जुड़े संगठन निष्पक्ष भाव से विचार करें।रियो ओलंपिक के बाद पुलेला गोपीचंद जी की चर्चा हो रही है। उन्होंने अच्छे शिक्षक की मिसाल पेश की।मेरे एक शिक्षक, जिनकी उम्र 90 वर्ष हो गई है, आज भी हर महीने उनकी मुझे चिट्ठी आती है।लोकमान्य तिलक जी ने सार्वजनिक गणेशोत्सव के धार्मिक अवसर को राष्ट्र जागरण का पर्व बनाया।लोकमान्य तिलक जी ने हमें “स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” ये प्रेरक मन्त्र दिया | लेकिन हम आज़ाद हिन्दुस्तान में हैं।गणेश उत्सव की बात जब होती है तो लोकमान्य तिलक जी की याद आना स्वाभाविक है।सुराज हमारी प्राथमिकता हो, इस मन्त्र को लेकर के हम सार्वजनिक गणेश उत्सव से सन्देश दे सकते हैं।जीवन में उत्सव का बहुत महत्व है। उत्सव से जीवन में उमंग का संचार होता है।गणेश उत्सव में हमें पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेने की जरूरत है।भारत सरकार ने पिछले दिनों 5 राज्य सरकारों के सहयोग के साथ स्वच्छ गंगा के लिये, गंगा सफ़ाई के लिये, लोगों को जोड़ने का एक सफल प्रयास किया।पर्वों पर मिट्टी के गणेश और दुर्गा की मूर्तियां इस्तेमाल करें। प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से पर्यावरण को नुकसान होता है। मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन भारत में ग़रीबों की सेवा के लिए लगा दिया था। 4 सितम्बर को भारत रत्न मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किया जाएगा।क्यों न हम मिट्टी का उपयोग करके गणेश जी, दुर्गा जी की मूर्तियाँ बनाकर हम उस पुरानी परंपरा पर वापस आएं।इस महीने की 20 तारीख़ को इलाहाबाद में उन लोगों को निमंत्रित किया गया कि जो गंगा के तट पर रहने वाले गाँवों के प्रधान थे।भारत सरकार ने पिछले दिनों 5 राज्य सरकारों के सहयोग के साथ स्वच्छ गंगा के लिये, गंगा सफ़ाई के लिये, लोगों को जोड़ने का एक सफल प्रयास किया।गंगा की सफाई के लिए सरकार कृतसंकल्प है। गंगा किनारे गांवों के प्रधानों द्वारा रूचि दिखाने के लिए धन्यवाद।5 जुलाई को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले में सवा-लाख से ज़्यादा विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से अपने-अपने माता-पिता को चिट्ठी लिखी।टॉयलेट बनाने की उन्होंने माँग की, कुछ बालकों ने तो ये भी लिख दिया कि इस साल मेरा जन्मदिन नहीं मनाओगे, तो चलेगा, लेकिन टॉयलेट ज़रूर बनाओ।कभी-कभी कुछ बातें बहुत छू जाती हैं, जिनको इसकी कल्पना आती हो, उन लोगों के प्रति मेरे मन में एक विशेष आदर भी होता है ।आप दो मिनट, तीन मिनट की स्वच्छता की एक फ़िल्म बनाइए, ये शार्ट फिल्म भारत सरकार को भेज दीजिए।समस्याओं के समाधान के लिए कैसे रास्ते खोले जाते हैं, यही तो जनशक्ति है।कर्नाटक के कोप्पाल जिले में 16 साल की बेटी मल्लम्मा ने टॉयलेट के लिए परिवार के ख़िलाफ़ सत्याग्रह कर दिया। ये बेटी मल्लम्मा की ज़िद की ताक़त देखिए और मोहम्मद शफ़ी जैसे गाँव के प्रधान देखिए।उन्होंने अठारह हज़ार रुपयों का इंतज़ाम किया और एक सप्ताह के भीतर-भीतर टॉयलेट बनवा दिया।भारत की हमेशा-हमेशा ये कोशिश रही है कि हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध गहरे हों, हमारे संबंध सहज हों, हमारे संबंध जीवंत हों।राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कोलकाता में एक नए कार्यक्रम आकाशवाणी मैत्री चैनल की शुरुआत की। यह सामान्य रेडियो चैनल नहीं, बल्कि बेहद अहम कदम है। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल का सांस्कृतिक जुड़ाव रहा है।मैंने कोशिश की है कि जिन-जिन लोगों ने Gas Subsidy छोड़ दी, उनको एक पत्र भेजूँ और कोई-न-कोई मेरा प्रतिनिधि उनको रूबरू जा कर के पत्र दे। एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को पत्र लिखने का मेरा प्रयास है।स्वच्छ भारत अभियान से हर कोई किसी न किसी रूप में जुड़ा है। भारत सरकार ने लोगों से एक-दो मिनट की स्वच्छता पर फिल्म मांगी है। 2 अक्टूबर को विजयी को इनाम दिया जाएगा। टीवी चैनल वालों को भी इस मुहिम में आगे आना चाहिए।सभी दलों ने मिल कर के GST का क़ानून पारित किया | इसका क्रेडिट सभी दलों को जाता है।एकता की ताकत क्या होती है, साथ मिल कर के चलें, तो कितना बड़ा परिणाम मिल सकता है ? ये इस वर्ष का अगस्त महीना याद रहेगा।कश्मीर के संबंध में मेरी सभी दलों से जितनी बात हुई, हर किसी की बात में से एक बात ज़रूर जागृत होती थी।कश्मीर में जान किसी की भी जाती हो दुख होता है। जो लोग बच्चों को सहारा लेकर उकसावे का काम कर रहे हैं जवाब उन्हें भी देना होगा।कि हम एकता को बल देने वाली बातों को ज़्यादा ताक़त दें, ज़्यादा उजागर करें और तभी जा करके देश अपना उज्ज्वल भविष्य बना सकता है, और बनेगा।

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