शरीफ की सहमति बगैर गोलाबारी संभव नहीं

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर निशाना साधते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक ओर वह शांति की बात करते हैं तो दूसरी ओर सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन को बढ़ावा दे रहे हैं। नवाज की सहमति के बगैर संघर्ष विराम का उल्लंघन संभव नहीं है।

By Edited By: Publish:Fri, 25 Oct 2013 10:26 PM (IST) Updated:Sat, 26 Oct 2013 01:46 AM (IST)
शरीफ की सहमति बगैर गोलाबारी संभव नहीं

जागरण ब्यूरो, जम्मू। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर निशाना साधते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक ओर वह शांति की बात करते हैं तो दूसरी ओर सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन को बढ़ावा दे रहे हैं। नवाज की सहमति के बगैर संघर्ष विराम का उल्लंघन संभव नहीं है। उमर शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी से प्रभावित सीमांत गांवों का दौरा करने आए थे। ग्रामीणों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हम जंग नहीं चाहते, लेकिन अगर ऐसी स्थिति बनती है तो हमें तैयार रहना होगा।

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अपने दौरे के दौरान उमर आरएसपुरा के अब्दुल्लियां फ्रंटियर, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जीरो लाइन आरएसपुरा, सांबा और परगवाल भी गए। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से रिहायशी इलाकों में बंकर बनाने की मांग की गई है। इस संबंध में एक प्रस्ताव भेज दिया गया है। नवाज शरीफ की नीयत पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बातचीत और दोस्ती की बात क्यों करते हैं। गोलाबारी में आम आदमी को नुकसान हो रहा है।

सीमांत क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर उमर ने कहा कि घर छोड़ना क्या होता है वह जानते है, क्योंकि वह भी अपना घर एक बार छोड़ चुके हैं। ऐसा कर हम दुश्मन को स्वयं जिता रहे हैं। इसलिए ग्रामीण गांवों से पलायन न करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते से एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ रहने वाले ग्रामीणों को काफी लाभ मिला था। आतंकी घटनाओं के चलते कई बार दोनों देशों में कटुता भी आई, लेकिन गोलाबारी नहीं हुई और सीमा पर शांति बनी रही।

''वर्ष 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते से एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ रहने वाले ग्रामीणों को काफी लाभ मिला था। आतंकी घटनाओं के चलते कई बार दोनों देशों में कटुता भी आई, लेकिन गोलाबारी नहीं हुई और शांति बनी रही।''

-उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर

कड़ा जवाब दे बीएसएफ : केंद्र

नई दिल्ली। पाकिस्तानी सेना द्वारा लगातार की जा रही गोलाबारी पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से इसका कड़ा जवाब देने को कहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, यह आदेश ऐसे वक्त पर आया है जब सीमा पर तनाव कम करने के लिए बीएसएफ अधिकारी पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग की कोशिशों में लगे हुए हैं।

रात भर गिरते रहे गोले

जम्मू। पाकिस्तान की ओर से गुरुवार शाम शुरू हुई भारी गोलाबारी शुक्रवार सुबह तक जारी रही। रिहायशी इलाकों में रॉकेट और मोर्टार के गोले गिरने से सीमांत क्षेत्रों से डरे-सहमे ग्रामीणों का पलायन जारी रहा। गोले घर पर गिरने से एक बच्चे समेत समेत दो लोग घायल हो गए। इस बीच, जम्मू दौरे पर पहुंचे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के डीजी दिलीप त्रिवेदी ने जवानों को और सर्तकता बरतने के निर्देश दिए।

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