Odisha Train Accident: बालेश्वर दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्य संपन्न, मरम्मत का काम शुरू; 10 बड़ी बातें

ओडिशा के बालेश्वर में हुए भीषण ट्रेन दुर्घटना में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। खबर लिखे जाने तक 280 लोगों की मौत हो गई जबकि 900 लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई नेताओं ने दुर्घटनास्थल का जायजा लिया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 03 Jun 2023 05:43 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jun 2023 05:43 PM (IST)
Odisha Train Accident: बालेश्वर दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्य संपन्न, मरम्मत का काम शुरू; 10 बड़ी बातें
बालेश्वर दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्य संपन्न (जागरण फोटो)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। ओडिशा के बालेश्वर में दो पैसेंजर ट्रेनें और एक मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। इस हादसे में अबतक 280 लोगों की मौत हो गई, जबकि 900 से अधिक लोग घायल हो गए। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि रेल दुर्घटना आखिर किस वजह से हुई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राहत एवं बचाव कार्य संपन्न हो चुका है। फिलहाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और फिर बालेश्वर के अस्पताल में पीड़ितों से मुलाकात की।

बालेश्वर रेल दुर्घटना की बड़ी बातें:

प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को वायुसेना के विशेष हेलीकॉप्टर से भुवनेश्वर से करीब 170 किमी दूर बालेश्वर रेल दुर्घटनास्थल पहुंचे, जहां की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ दो केंद्रीय मंत्री- धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव मौजूद रहे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ितों से मुलाकात की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए शनिवार दोपहर दुर्घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने वहां पहले से मौजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। रेल मंत्री के तौर पर दो बार सेवाएं दे चुकीं ममता बनर्जी ने रेल दुर्घटना में मारे गए पश्चिम बंगाल के यात्रियों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि मुहैया कराने का एलान किया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के 300 से अधिक कर्मी बड़े मेटल कटर, खोजी कुत्तों और अन्य उपकरणों की मदद से ओडिशा के ट्रेन दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्यों को अंजाम दिया। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने शनिवार को बताया कि एनडीआरएफ की पहली टीम शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे के आसपास बालेश्वर में घटनास्थल पर पहुंची थी और इस केंद्रीय एजेंसी के कर्मी दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के डिब्बों से अब तक कुल 44 पीड़ितों को जीवित बाहर निकालने और 71 यात्रियों के शव बरामद करने में सफल रहे हैं। भीषण ट्रेन भिड़ंत के करीब 18 घंटे बाद शनिवार की दोपहर रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि बचाव अभियान पूरा हो गया है और इसी के साथ मरम्मत का काम शुरू हो गया है। ओडिशा के अग्नि महानिदेशक सुधांशु सारंग ने कहा कि हम बचाव कर रहे हैं, अब हम डिब्बे हटाकर देखेंगे कि इसके नीचे कोई जीवित हैं या नहीं? अभी 3-4 घंटे और लगेंगे। क्रेन की मदद से डिब्बों को उठाया जाएगा। उम्मीद नहीं है कि डिब्बों के नीचे कोई जीवित होगा। हम लोग उदास हैं, हमें जिंदगी में इतनी ज्यादा डेड बॉडीज देखना का कोई अनुभव तो था नहीं। रेलवे ने बालेश्वर ट्रेन दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है, जिसकी अध्यक्षता दक्षिण-पूर्वी प्रखंड के रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे। रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करता है और इस प्रकार के सभी हादसों की जांच करता है। भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि एसई (दक्षिण-पूर्वी) प्रखंड के सीआरएस (रेलवे सुरक्षा आयुक्त) एएम चौधरी हादसे की जांच करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और रेलवे ने मुआवजे का एलान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि की घोषणा की, जबकि रेलवे ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का एलान किया। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। बकौल अधिकारी, पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। उन्होंने बताया कि चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, दो ट्रेनों में 3,400 से अधिक यात्री सवार थे। बालेश्वर रेल दुर्घटना के बाद इस रूट की अबतक 48 ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं, जबकि 39 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया। इसके अलावा बंगाल से दक्षिण भारत की ओर जा रही सभी ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया है। रेलवे की सबसे भयावह दुर्घटनाओं में से एक 1981 की रेल दुर्घटना है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। छह जून, 1981 को बिहार में एक पुल पार करते समय एक ट्रेन बेपटरी होकर बागमती नदी में जा गिरी। जिसमें 750 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

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