भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है उत्तरी सिक्किम

भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण ने सिक्किम के भूकंप प्रभावित इलाकों में अपनी टीमें भेजी है जो हादसे के कारणों और भूकंप के लिहाज से प्रदेश की स्थिति का अध्ययन करेंगी।

By Edited By: Publish:Fri, 23 Sep 2011 12:15 AM (IST) Updated:Fri, 23 Sep 2011 12:21 AM (IST)
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है उत्तरी सिक्किम

मंगन [सिक्किम]। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण ने सिक्किम के भूकंप प्रभावित इलाकों में अपनी टीमें भेजी है जो हादसे के कारणों और भूकंप के लिहाज से प्रदेश की स्थिति का अध्ययन करेंगी।

सिक्किम में जीएसआई के वरिष्ठ भूगर्भशास्त्री प्रशात भौमिक ने बताया कि प्रभावित इलाका भूगर्भ विज्ञान की दृष्टि से कमजोर क्षेत्र है और भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि हिमालय क्षेत्र में यह बड़ा असंगत क्षेत्र है क्योंकि यहा विवर्तनिक प्लेटें मिलती हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी भूकंप आए थे लेकिन इस बार तीव्रता और ज्यादा समय का होने के कारण तबाही ज्यादा हुई।

भौमिक ने बताया कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई और पहले के मुकाबले यह ज्यादा देर तक रहा। इसका प्रभाव चेन्नई तक महसूस किया गया। उन्होंने कहा कि भूकंप ज्यादा गहरा भी नहीं था। इसकी गहराई 10 से 20 किलोमीटर थी और प्राकृतिक तौर पर धरती की सतह पर जोर से आघात हुआ जिससे तबाही होना लाजिमी था।

भूगर्भशास्त्री प्रशात भौमिक ने कहा कि भूकंप का केंद्र मंगन से 68 किलोमीटर उत्तर भारत नेपाल सीमा के करीब था। इसी वजह से उत्तरी सिक्किम के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। उन्होंने बताया कि इससे पहले सबसे भीषण भूकंप 1980 में आया था जिसका स्तर रिक्टर पैमाने पर 6.1 था और इससे तबाही काफी कम हुई थी।

भौमिक ने कहा कि जीएसआई का एक स्थाई केंद्र रानीपुर में है जबकि भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं पर नजर रखने के लिए अस्थाई केंद्र भी हैं। उन्होंने कहा कि बेहद तबाही मचाने वाले भूकंप की वजहों की जाच के लिए दो वैज्ञानिकों के एक दल ने काम शुरू कर दिया है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

chat bot
आपका साथी