NIOS: ओपन स्कूल की अंक आकलन प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

10वीं 12वीं के पांच बच्चों ने क्लाज 5 (डी) के खिलाफ दाखिल याचिका में की है नए सिरे से अंक आकलन की मांग।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 09:53 AM (IST)
NIOS: ओपन स्कूल की अंक आकलन प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
NIOS: ओपन स्कूल की अंक आकलन प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 10वीं-12वीं के पांच बच्चों ने अपने माता-पिता के माध्यम से याचिका दाखिल कर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (एनआइओएस) की अंक आकलन स्कीम को चुनौती दी है। यह याचिका कोरोना महामारी के कारण ओपन स्कूल की परीक्षाएं रद होने और छात्रों को औसत अंक दिए जाने के मामले से जुड़ी है।

वकील ऋषि मल्होत्रा के माध्यम से दाखिल कराई गई याचिका में स्कीम के क्लाज 5(डी) पर आपत्ति उठाई गई है। क्लाज कहता है कि जो छात्र किसी कारणवश पहले किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं उन्हें निरस्त विषय की लिखित परीक्षा में पिछले तीन पब्लिक एग्जामिनेशन (फाइनल परीक्षा) के अंकों के औसत के आधार पर अंक दिए जाएंगे।

याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना है कि इस मामले में पांचों याचिकाकर्ता पहली बार ओपन स्कूल में रजिस्टर हुए हैं। उन्होंने इसके पहले कभी पब्लिक एग्जामिनेशन नहीं दिया है। ऐसे में निरस्त विषयों की लिखित परीक्षा के अंक किस आधार पर लगाए गए हैं? अगर ये अंक अन्य छात्रों के पब्लिक एग्जामिनेशन के आधार पर लगाए गए हैं, तो यह गलत है। याचिकाकर्ताओं की मांग है कि उनके रिजल्ट में अंकों का दोबारा आकलन किया जाए और उनकी लिखित परीक्षा के अंक प्रैक्टिकल और टीएमए (ट्यूटर मार्कस असाइनमेंट) के हिसाब से लगाए जाएं। इस याचिका पर सुनवाई की कोई तिथि अभी तय नहीं की गई है। वकील का कहना है कि जल्दी ही याचिका को सुनवाई पर लगाने का आग्रह किया जाएगा।

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