आतंकी फंडिंग पर NIA का अलगाववादियों पर शिकंजा, जानिए कहां से मिलता है पैसा

पैसे लेने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को श्रीनगर में हुर्रियत प्रवक्ता एयाज अकबर के घर पर छापा मारा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Sun, 04 Jun 2017 12:36 PM (IST) Updated:Sun, 04 Jun 2017 01:56 PM (IST)
आतंकी फंडिंग पर NIA का अलगाववादियों पर शिकंजा, जानिए कहां से मिलता है पैसा
आतंकी फंडिंग पर NIA का अलगाववादियों पर शिकंजा, जानिए कहां से मिलता है पैसा

श्रीनगर/नई दिल्ली(एजेंसी)। कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों के लिए अलगाववादी नेताओं द्वारा कथित तौर पर पैसे लेने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दूसरे दिन भी छापा मार कार्रवाई की। रविवार को श्रीनगर में हुर्रियत प्रवक्ता एयाज अकबर के घर पर छापा मारा गया।

इससे पहले शनिवार को अलगाववादियों के कश्मीर, दिल्ली और हरियाणा में 29 ठिकानों पर छापे मारे गए। इन छापों में करीब 2 करोड़ रुपए, ज्वेलरी के अलावा लश्कर-ए-तोएबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के लेटरहेड, पेन ड्राइव्स, लैपटॉप और बही-खाते भी बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसके पहले 2002 में आयकर विभाग ने गिलानी समेत अन्य अलगाववादी नेताओं के यहां तलाशी ली थी, जिसमें नकदी और दस्तावेज जब्त किए गए थे। हालांकि कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं किया गया था।

पिछले चार दिनों में व्यापक योजना बनाने के बाद एनआईए की टीमों ने शनिवार तड़के एक साथ कश्मीर, राष्ट्रीय राजधानी तथा हरियाणा के सोनीपत में अलगाववादियों के दूसरी श्रेणी के नेताओं, कारोबारियों तथा हवाला डीलरों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की। छापों में सोने के 85 सिक्के भी मिले हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में एफआईआर दर्ज करने के बाद एनआईए की टीमें पिछले कुछ दिनों से घाटी में कैंप कर रही थीं। छापेमारी के लिए ये टीमें श्रीनगर के बाहरी इलाके में हुमहामा स्थित अपने कैंप ऑफिस से अलसुबह ही भारी सुरक्षा में निकलीं।

इन लोगों पर कार्रवाई

घाटी में एनआईए ने जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारियां की हैं, उनमें कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ फंटूश, कारोबारी जहूर वटाली, मीरवाइज उमर फारूक की अगुआई वाले अवामी एक्शन कमेटी के नेता शाहिद उल इस्लाम तथा हुर्रियत कांफ्रेंस और जेकेएलएफ के दूसरे श्रेणी के कुछ नेता शामिल हैं। घाटी में नब्बे के दशक में आतंकवाद बढ़ने के बाद यह पहला मौका है जब केंद्रीय एजेंसी ने टेरर फंडिंग को लेकर ऐसी छापेमारी की हैं।

मालूम हो कि एनआईए द्वारा दर्ज एफआईआर में घाटी के किसी अलगाववादी नेता का नाम नहीं है। लेकिन हुर्रियत कांफ्रेंस (गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक गुट), हिजबुल मुजाहिदीन, दुख्तरान-ए- मिलत, लश्कर-ए-तोएबा तथा पाकिस्तानी जमात-उल दावा के हाफिज सईद के नाम हैं। एनआईए ने राष्ट्रीय राजधानी में आठ तथा हरियाणा के सोनीपत में दो हवाला कारोबारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की है।

हाफिज सईद से लेते हैं पैसा

ये छापे अलगाववादी नेताओं- नईम खान (टेलीविजन स्टिंग में पाकिस्तानी आतंकी ग्रुप से पैसे लेने की बात कबूली थी), फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे तथा तहरीक-ए-हुर्रियत के गाजी जावेद बाबा से पिछले महीने राष्ट्रीय राजधानी में पूछताछ के बाद डाले गए हैं। आरोप है कि अलगाववादी नेता घाटी में पथराव, सुरक्षा बलों पर हमले, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने तथा स्कूल और अन्य सरकारी इमारतों को जलाने के लिए पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तोएबा के मुखिया हाफिज सईद से पैसे लेते हैं।

अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को ईडी का नया समन

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक दशक से भी पुराने कथित टेरर फंडिंग मामले में दर्ज मनी लॉंंडरिंग केस के सिलसिले में कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को नया समन जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि शाह को मामले के जांच अधिकारी के सामने 6 जून को पेश होकर बयान देने को कहा गया है। इससे पहले 25 मई को भी उन्हें पेश होने का समन दिया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इससे पहले भी कई बार शाह को नोटिस जारी किया था।

2005 में दिल्ली से हवाला कारोबारी मोहम्मद असलम वानी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वानी ने दावा किया था कि उसने 2.25 करोड़ रुपए शाह तक पहुंचाए। इसी केस के सिलसिले में पिछले 12 साल से अहमद को कई बार समन भेजा गया है। शाह इन आरोपों पर सफाई में हर बार ही यही दावा करते हैं कि उन पर लगाए गए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने शाह और वानी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डि्रंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आपराधिक केस दर्ज किया है। 26 अगस्त 2005 को वानी को 63 लाख रुपए नकदी के साथ पकड़ा गया था। जांच एजेंसियों का दावा है कि वानी ने यह पैसा हवाला कारोबार के जरिए मध्य पूर्व से हासिल किया था। पूछताछ के दौरान वानी ने कबूल किया था कि इसमें से 50 लाख रुपए शाह को और 10 लाख रुपए श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर अबू बक्र को देने थे। बाकी बचा पैसा उसे कमीशन के तौर पर अपने पास रखना था।

कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने और आतंकवाद से जुड़े लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर सरकार का इरादा बिलकुल साफ है। कश्मीर की जनता भी घाटी में सामान्य हालात कायम करने के पक्ष में है।

-जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री 

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