प्रद्युम्न हत्या मामले में अगले तीन दिन रहेंगे खास

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक बस सहायक अशोक को यदि सीबीआइ क्लीन चिट भी दे देती है फिर भी प्रबंधन की परेशानी खत्म होने वाली नहीं है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Sat, 18 Nov 2017 10:29 PM (IST) Updated:Sat, 18 Nov 2017 10:29 PM (IST)
प्रद्युम्न हत्या मामले में अगले तीन दिन रहेंगे खास
प्रद्युम्न हत्या मामले में अगले तीन दिन रहेंगे खास

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले में अगले सप्ताह के तीन दिन खास हैं। तीनों दिन हर किसी की नजर मामले पर रहेगी। 20 नवंबर को एसआइटी द्वारा गिरफ्तार बस सहायक अशोक की जमानत की अर्जी पर गुरुग्राम की विशेष अदालत में सुनवाई होगी। वहंी 21 नवंबर को इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोपी मिंटो परिवार की जमानत को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में ऑर्डर आएगा। इसके अलावा 22 नवंबर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने सीबीआइ द्वारा आरोपी छात्र को पेश किया जाएगा।

कानून के जानकारों का मानना है कि सीबीआइ भी नहीं चाहेगी कि जब तक अभियुक्त छात्र के खिलाफ चार्जशीट दाखिल न हो जाए, तब तक अशोक को जमानत मिले। यही वजह है कि सीबीआइ द्वंद्व की स्थिति में है। जमानत का विरोध भी नहीं कर रही है और क्लीन चिट भी देने को तैयार नहीं। ऐसी स्थिति में 20 नवंबर को अशोक को जमानत मिलेगी या नहीं, इस पर कोई एक राय देने को तैयार नहीं है।

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक बस सहायक अशोक को यदि सीबीआइ क्लीन चिट भी दे देती है फिर भी प्रबंधन की परेशानी खत्म होने वाली नहीं है। लापरवाही बरतने का आरोप तो रहेगा ही। हत्या के ठीक बाद खून साफ कराने का प्रयास क्यों किया गया? यह जवाब तो पिंटो परिवार को देना ही होगा।

प्रद्युम्न के पिता वरुणचंद ठाकुर की ओर से अदालतों में पक्ष रखने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील टेकरीवाल कहते हैं कि सीन ऑफ क्राइम के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया गया। यह किसके इशारे पर किया गया? सीन आफ क्राइम के साथ छेड़छाड़ करना या कराना संगीन अपराध से कम नहीं। इसके लिए प्रबंधन के नाते पिंटो परिवार भी जिम्मेदार है।

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