इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए नए फार्म जारी, 30 नवंबर तक भर सकेंगे आइटीआर

वित्त वर्ष 2019-20 और मूल्यांकन वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) भरने के नए फार्म जारी कर दिए गए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 08:40 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 08:40 PM (IST)
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए नए फार्म जारी, 30 नवंबर तक भर सकेंगे आइटीआर
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए नए फार्म जारी, 30 नवंबर तक भर सकेंगे आइटीआर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 और मूल्यांकन वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) भरने के लिए नए फार्म जारी कर दिए गए हैं। सालाना 50 लाख रुपए तक के वेतन पाने वाले अगर एक मकान रखते हैं तो उन्हें रिटर्न दाखिल करने के लिए आइटीआर-1 सहज फार्म भरना होगा। रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर होगी।

इस बार आइटीआर फार्म भरने के दौरान देनी होगी तीन नई जानकारी

इस बार आइटीआर फार्म भरने के दौरान तीन नई जानकारी देनी होगी। अगर आपने पिछले वित्त वर्ष (2019-20) के दौरान एक करोड़ रुपए से अधिक अपने करंट एकाउंट में जमा किया है तो आइटीआर में इसे विस्तृत रूप में बताना होगा। गत वित्त वर्ष के दौरान अपने या किसी अन्य की विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपए से अधिक खर्च किए है तो इसकी जानकारी भी देनी होगी। अगर पिछले वित्त वर्ष में आपका बिजली बिल एक लाख रुपए से अधिक का रहा है तो यह जानकारी भी आइटीआर भरने के दौरान अनिवार्य रूप से देनी पड़ेगी।

इनकम टैक्स के ई-पोर्टल पर नए फार्म उपलब्ध

कोरोना की वजह से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान टैक्स बचत के लिए निवेश की अवधि को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया था। फार्म में इस एक अप्रैल से 30 जून तक किए जाने वाले निवेश की जानकारी के लिए अलग कॉलम दिया गया है। आइटीआर-1 के साथ आइटीआर-2, 3, 4, 5, 6 व 7 को भी अधिसूचित किया गया है। अमूमन हर साल अप्रैल माह में आइटीआर फार्म को अधिसूचित किया जाता था, लेकिन कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन की वजह से इसे मई में अधिसूचित किया गया है। इनकम टैक्स के ई-पोर्टल पर नए फार्म को अपलोड करने के बाद ही रिटर्न भरने का काम शुरू होगा।

आइटीआर-2 आवासीय प्रोपर्टी से आमदनी प्राप्त करने वाले भरते हैं

आइटीआर-2 आवासीय प्रोपर्टी से आमदनी प्राप्त करने वाले भरते हैं। आइटीआर 3 व 6 कारोबार व व्यापार से संबंधित है। आइटीआर-4 सुगम 50 लाख तक वाले प्रोफेशनल्स, एचयूएफ व फर्म (एलएलपी को छोड़कर) के लिए है। आइटीआर-5 एलएलपी वालों के लिए होता है तो आइटीआर-7 वे लोग भरते हैं जिन्हें चैरिटेबल व ट्रस्ट जैसी प्रोपर्टी से आय होती है।

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