कोरोना के इलाज की गाइडलाइन बदली, सभी मरीजों के लिए स्टेरायड लाभकारी नहीं, कई दवाओं के इस्‍तेमाल पर लगी रोक

New Guidelines for Covid-19 Treatment कोरोना के इलाज को लेकर सरकार की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई है। इसमें मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटे जाने के साथ ही कई दवाओं के इस्‍तेमाल पर रोक लगा दी गई है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 01:58 AM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 02:21 AM (IST)
कोरोना के इलाज की गाइडलाइन बदली, सभी मरीजों के लिए स्टेरायड लाभकारी नहीं, कई दवाओं के इस्‍तेमाल पर लगी रोक
कोरोना के इलाज को लेकर सरकार की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना के इलाज को लेकर सरकार की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई है। इसमें मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटे जाने के साथ ही कई दवाओं के इस्‍तेमाल पर रोक लगा दी गई है। नई गाइडलाइन में कहा गया है कि इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कोरोना के जिन मरीजों को आक्सीजन की जरूरत नहीं होती है उन्हें इंजेक्शन के जरिये स्टेरायड देना लाभकारी है।

जरूरत से ज्‍यादा स्‍टेरायड खतरनाक

एम्स, आइसीएमआर- कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स और स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त निगरानी समूह (डीजीएचएस) द्वारा 'क्लीनिकल गाइडेंस फार मैनेजमेंट आफ एडल्ट कोविड-19 पेसेंट' के नाम से संशोधित गाइडलाइंस जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि संक्रमण के प्रारंभिक चरण में या ज्यादा मात्रा में या जरूरत से अधिक समय तक स्टेरायड जैसी ताकत बढ़ाने वाली दवाओं के इस्तेमाल से ब्लैक फंगस जैसे संक्रमण का खतरा रहता है।

माडरेट संक्रमण में इन दवाओं से इलाज

गाइडलाइंस के मुताबिक मध्यम स्तर के संक्रमण वाले मरीज को इंजेक्शन मिथाइलप्रेडनिसोलो 0.5 से एक एमडी प्रति केजी को दो समान डोज या इसके बराबर डेक्सामेथासोन की डोज आमतौर पर पांच से 10 दिन तक दी जा सकती है। गंभीर संक्रमण होने पर रोगी को यह दवा की एक से दो एमजी प्रति केजी को दो समान डोज में पांच से 10 दिन तक दिया जा सकता है।

...तो टीबी की कराएं जांच

हल्के संक्रमण के मामले में बीमारी शुरू होने के पांच दिन बाद भी अगर बुखार रहता है और खांसी आती है तो बिडसोनाइड 800एसीजी की पांच दिन तक दो डोज ली जा सकती है। अगर खांसी दो से तीन हफ्ते तक लगातार बनी रहती है तो मरीज को टीबी यानी क्षयरोग या अन्य जांच करानी चाहिए।

आपात स्थितियों में रेमडेसिविर

मध्यम या गंभीर तरह के संक्रमण पर आपात स्थितियों में रेमडेसिविर देने की अनुसंशा की गई है, लेकिन यह दवा सिर्फ अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही दी जा सकती है और जो आक्सीजन पर नहीं हों। अगर किसी मरीज में संक्रमण के 24 से 48घंटे के भीतर ही गंभीर लक्षण दिखने लगते हैं तो उसे तोसिलिजुमैब देने की अनुमति दी गई है। आइसीयू वाले मरीजों को भी यह दवा दी जा सकती है।

इन दवाओं पर लगी रोक

सरकार की ओर से बदली गई नई गाइडलाइंस में संक्रमितों की तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। इनमें हल्का, मध्यम और गंभीर इंफेक्‍शन के रूप में मरीजों का वर्गीकरण किया गया है। नई गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि किसी भी श्रेणी के मरीजों के इलाज में एंटीवायरल दवा मोलनुपिराविर और मोनोक्लोनल एंडीबाडी काकटेल को शामिल नहीं किया गया है। समाचार एजंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा आइवरमेक्टिन, फेविपिराविर और डाक्सीसाइक्लिन जैसी दवाइयों को भी गाइडलाइंस से बाहर रखा गया है।  

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