फर्जी दस्तावेजों से सेना में भर्ती हो रहे नेपाली युवक

नेपाली युवकों का लखनऊ में एक पूर्व डीजीपी के कैंट स्थित बंगले के पते पर फर्जी आवास प्रमाण पत्र बनाया गया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2015 04:48 AM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2015 04:59 AM (IST)
फर्जी दस्तावेजों से सेना में भर्ती हो रहे नेपाली युवक

निशांत यादव, लखनऊ। नेपाली युवकों का लखनऊ में एक पूर्व डीजीपी के कैंट स्थित बंगले के पते पर फर्जी आवास प्रमाण पत्र बनाया गया। शिक्षा के दस्तावेज तैयार किए गए और फिर उनको सेना में भर्ती होने के लिए कई भर्ती रैलियों में भेजा गया। गोरखा जवानों की कमी से जूझ रही सेना ने इन युवकों को भर्ती भी कर लिया। इनमें से एक दर्जन युवक जब दो दिन पहले देहरादून भर्ती रैली में पहुंचे तो पकड़े गए। जांच हुई तो पता चला कि नेपाली युवकों को लखनऊ लाकर फर्जी दस्तावेज बनाया गया। अब तक की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उससे जांच एजेंसियों के होश उड़ गए हैं।

दरअसल 15 अक्टूबर को देहरादून के कैंट में चल रही सेना भर्ती रैली में नौ नेपाली युवकों के दस्तावेज संदिग्ध लगे। जांच हुई तो पता चला कि इन युवकों ने लखनऊ से अपने फर्जी आवास और शैक्षिक दस्तावेज बनवाए हैं। इस खेल का पता लगाने के लिए पिछले दो दिनों में शहर के आधा दर्जन इलाकों में छापेमारी की गई। मामले में एक राजनीतिक दल से संपर्क रखने वाले और प्रापर्टी के खेल में शामिल व्यक्ति का नाम सामने आया।

साथ ही सेना में तैनात एक हवलदार हीमान सिंह और एक अन्य व्यक्ति बाबूराम शर्मा का नाम भी आया है। इन लोगों ने 19 कस्तूरबा मार्ग के पते पर ही कई फर्जी आवास प्रमाण पत्र बना लिए। एक टीम ने जब प्रॉपर्टी के खेल में शामिल जालसाज के घर छापा मारा तो उसके घर से डॉलर और यूरो सहित सभी विदेशी मुद्राओं के नमूने मिले हैं जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह व्यक्ति नेपाली युवकों को भर्ती करने के साथ ही हवाला का कारोबार भी करता है।

मुख्यालय भेजी गई रिपोर्ट

इन नौ नेपाली युवकों के फर्जी दस्तावेज के संबंध में मध्य कमान मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई है। अंदेशा यह भी जताया जा रहा है कि कहीं फर्जी दस्तावेजों से सेना में माओवादी तो भर्ती नहीं हो गए हैं। सभी नेपाली युवकों के सत्यापन की संस्तुति की गई है जिस पर आदेश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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