इस बार सामान्य रहेगा मानसून, लेकिन नहीं हो सकेगा पानी की समस्या का समाधान

आईएमडी ने पिछले महीने भविष्यवाणी की थी कि इस वर्ष 96 फीसद बारिश के साथ मानसून सामान्य रहेगा। हालांकि स्काईमेट वेदर के मुताबिक मानसून 93 फीसद तक सामान्य से नीचे रहने की संभावना थी।

By NiteshEdited By: Publish:Fri, 03 May 2019 04:36 PM (IST) Updated:Fri, 03 May 2019 04:36 PM (IST)
इस बार सामान्य रहेगा मानसून, लेकिन नहीं हो सकेगा पानी की समस्या का समाधान
इस बार सामान्य रहेगा मानसून, लेकिन नहीं हो सकेगा पानी की समस्या का समाधान

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस वर्ष सामान्य मानसून रहने की भविष्यवाणी की है, लेकिन जलवायु परिवर्तन और कम जल भंडारण के प्रभाव के चलते बारिश में अलग-अलग जगहों पर स्थिति बदल सकती है।

आईएमडी ने पिछले महीने भविष्यवाणी की थी कि इस वर्ष 96 फीसद बारिश के साथ मानसून सामान्य रहेगा। हालांकि, स्काईमेट वेदर के मुताबिक, मानसून 93 फीसद तक सामान्य से नीचे रहने की संभावना थी।

स्काईमेट वेदर के अनुसार, अल नीनो का प्रभाव जून और जुलाई में अधिक होगा, लेकिन अगस्त और सितंबर तक इसमें गिरावट आएगी। आईएमडी ने 'अधिक' बारिश की दो फीसद संभावना और 'सामान्य से ऊपर' बारिश की 10 फीसद की भविष्यवाणी की है, स्काईमेट ने दोनों के शून्य फीसद संभावना की भविष्यवाणी की है।

अल नीनो क्लाइमेट पैटर्न का एक हिस्सा है यह तब होता है जब प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान आगे की अवधि के लिए सामान्य स्तर से अधिक हो जाता है। यह पूरे विश्व में तापमान और वर्षा को प्रभावित करता है।

जल संसाधन मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश भर के 91 प्रमुख जलाशयों में स्टोरेज लेवल में एक फीसद की गिरावट आई है। 2 मई को सप्ताह के खत्म होने के पर इन जलाशयों में उपलब्ध पानी 40.592 बीसीएम (अरब घन मीटर) था, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 25 फीसद है।

स्‍काईमेट के अनुमान के अनुसार, प्रशांत महासगर में गर्माहट सामान्‍य से ज्‍यादा है। इसके चलते मार्च से मई के बीच अल-नीनो का असर 80 फीसद तक रह सकता है। वहीं, जून से अगस्‍त के बीच इसमें गिरावट आने और इसके 60 फीसद तक पहुंचने की थोड़ी संभावना है। इसका मतलब यह हुआ कि इस साल पूरे मानसून सीजन में अल नीनो का असर बरकरार रहेगा, जिसके चलते कम बारिश होगी।

मौसम विभाग के मुताबिक देश भर में एक मार्च से 24 अप्रैल के बीच 59.6 मिलीमीटर की सामान्य वर्षा के मुकाबले सिर्फ 43.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। यह दीर्घकालीन औसत (एलपीए) का 27 फीसदी कम है।  

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