बिहारः मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट में 25 मार्च को तय होगा आरोप

बिहार के चर्चित शेल्टर होम केस के मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए 25 मार्च की तारीख तय की है।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 03:30 PM (IST) Updated:Mon, 18 Mar 2019 04:07 PM (IST)
बिहारः मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट में 25 मार्च को तय होगा आरोप
बिहारः मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट में 25 मार्च को तय होगा आरोप

नई दिल्ली, एएनआइ। बिहार के चर्चित शेल्टर होम केस को लेकर सोमवार को दिल्ली की साकेत कार्ट में सुनवाई हुई। दिल्ली में साकेत स्थित पाक्सो कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए 25 मार्च की तारीख तय की है। मामले में मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर समेत 21 लोगों को चार्जशीट किया गया है।

इससे पहले 13 मार्च को कोर्ट ने मामले की सुनवाई की थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने के लिए 18 मार्च की तिथि निर्धारित की थी। अभी हाल में पांच आरोपितों ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इनकार किया था। उनका कहना था कि उनके खिलाफ सीबीआइ के पास पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में बतौर आरोपी 21 लोगों का नाम शामिल है।

जुलाई महीने में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी सहायता प्राप्त एक शेल्टर होम में 16 बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले ने सूबे सहित पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। बता दें, पीड़ित बच्चियों ने अपने एक साथी की हत्या कर शव को परिसर में दफनाने का आरोप भी लगाया था। इसी साल मई में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सोशल ऑडिट के दौरान मामले का खुलासा हुआ था।

सोशल ऑडिट में यह सामने आया था कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच शेल्टर होम से 6 लड़कियां गायब हुई हैं। हालांकि, इन लड़कियों के गायब होने का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं है।

बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने लापरवाही को लेकर नीतीश सरकार के साथ सीबीआइ को भी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि बच्चों के साथ इस तरह का बर्ताव दुर्भायपूर्ण है। नाराज सुप्रीम कोर्ट ने इस संवेदनशील मामले को बिहार की सीबीआइ कोर्ट से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।

क्या है पूरा मामला?
टाटा इंस्‍टरच्‍यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में बिहार के विभिन्‍न शेल्‍टर होम में लड़कियों व बच्‍चों के उत्‍पीड़न व उनके साथ यौन हिंसा की बातें उजागर हुईं थीं। पहले तो सरकार ने इसपर ध्‍यान नहीं दिया, लेकिन बाद में कार्रवाई की गई। 31 मई 2018 को बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने शेल्‍टर होम के पदाधिकारियों पर पॉक्सो व आइपीसी की धाराओं में महिला थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद 28 जुलाई को सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की।

जांच के दौरान सीबीआइ ने मुजफ्फरपुर शेल्‍टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर, इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, रवि कुमार रोशन, विकास कुमार, दिलीप कुमार वर्मा, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, रोजी रानी, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह व साइस्ता परवीन उर्फ मधु को आरोपित किया। मामले के मास्‍टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर को पंजाब के जेल में स्‍थानांतरित कर दिया गया, ताकि वह मुकदमा प्रभावित न कर सके।

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