जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान के गोलों से बचाएंगे 14,400 बंकर

14,400 बंकर लोगों को पाकिस्तान की गोलाबारी से बचाने में कारगर साबित होंगे।

By Arti YadavEdited By: Publish:Mon, 09 Apr 2018 09:32 AM (IST) Updated:Mon, 09 Apr 2018 09:53 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान के गोलों से बचाएंगे 14,400 बंकर
जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान के गोलों से बचाएंगे 14,400 बंकर

जम्मू, (राज्य ब्यूरो)। जम्मू संभाग में अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में बन रहे 14,400 बंकर लोगों को पाकिस्तान की गोलाबारी से बचाने में कारगर साबित होंगे। इनमें से 13,029 निजी बंकर हैं। ये लोगों के घरों में बन रहे हैं ताकि वे बिना वक्त गंवाए उनमें शरण ले सकें।

गोलाबारी में अधिकतर मौतों का कारण लोगों के सामुदायिक बंकर तक न पहुंच पाना होता है। वे घर से निकल नहीं पाते। ऐसे हालात में घर पर गोला गिरने से जान-माल का नुकसान हो जाता है। सीमांत क्षेत्रों में निजी बंकर भाजपा की बड़ी उपलब्धि है। ये सभी बंकर प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री व ऊधमपुर डोडा के सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह व जम्मू पुंछ के भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा के संसदीय क्षेत्र के सीमांत इलाकों में बन रहे हैं। सीमांत लोगों की सुरक्षा के लिए 14400 बंकर बनाने के लिए 415.74 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं व इन बंकरों का निर्माण राज्य सरकार के जरिये नहीं बल्कि केंद्रीय निर्माण एजेंसी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के जरिये हो रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय को आशंका है कि अप्रैल में फसल कटने के बाद जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से कभी भी भारी गोलाबारी शुरू हो सकती है। ऐसे में प्रयास है कि जल्द ही बंकरों का निर्माण हो। भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि न सिर्फ जल्द बंकर बनें, बल्कि वे इतने मजबूत भी हों कि लोगों को जरूरत पड़ने पर बचा सकें। यही कारण था कि इनका निर्माण एनबीसीसी के जरिये करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण अच्छे स्तर का हो। जम्मू संभाग में 210 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा व राज्य में 740 किलोमीटर नियंत्रण रेखा पाकिस्तान की गोलाबारी की जद में रहती है। गत वर्ष ही पाकिस्तान की गोलाबारी से राज्य में सेना व सुरक्षाबलों के जवानों समेत 35 लोग मारे गए थे।

800 वर्गफीट का होगा सामुदायिक बंकर

निजी बंकर 160 वर्गफीट का होगा व इसमें आठ लोग शरण ले पाएंगे तथा सामुदायिक बंकर 800 वर्गफीट का होगा व इसमें जरूरत पड़ने पर 40 लोग शरण ले सकेंगे।

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