सीएम शिवराज पर अनर्गल आरोप लगाने वाला निकला नटवरलाल, ठगी का केस हुआ दर्ज

क्राइम ब्रांच ने सीएम के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाने के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था। वर्तमान में वह जेल में है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 11:19 PM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 11:20 PM (IST)
सीएम शिवराज पर अनर्गल आरोप लगाने वाला निकला नटवरलाल, ठगी का केस हुआ दर्ज
सीएम शिवराज पर अनर्गल आरोप लगाने वाला निकला नटवरलाल, ठगी का केस हुआ दर्ज

भोपाल, जेएनएन। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को कोरोना पॉजिटिव रिुपोर्ट के फर्जी होने का दावा करने वाला युवक नटवरलाल निकला। उसके घर की तलाशी में पुलिस को कई जाली प्रमाण पत्र मिले हैं। साथ ही उसने एम्स के कर्मचारी को 10 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत कराने के बाद आठ लाख रुपये खुद हड़प लिए थे। शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपित डॉ. राजनसिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज कर लिया है। उसे क्राइम ब्रांच ने सीएम के खिलाफ अनर्गल आरोप लगाने के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था। वर्तमान में वह जेल में है।

कई लोगों की मंच में की नियुक्तियां

क्राइम ब्रांच के मुताबिक मूलत: दिल्ली निवासी डॉ. राजनसिंह ने पूछताछ के दौरान खुद को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का रुाष्ट्रीय सचिव बताया था। इस बात का पता चलने परु राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से पुलिस को शिकायत की गई थी। शिकायत में बताया गया कि राजन सिंह नामक व्यक्ति ने पार्टी के लेटर हेड का इस्तेमाल कर शरद विचार मंच का गठन किया। इसके बाद कई लोगों की मंच में नियुक्तियां भी की, जबकि राजन सिंह न तो पार्टी का सदस्य है औरु न ही पार्टी का शरद विचार मंच नामक कोई फोरम है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने राजन के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

उधर एम्स के नर्सिग स्टाफ के कर्मचारी आदित्य ने पुलिस को बताया कि राजनसिंह ने उसकी वेतन की रसीद के आधार पर 10 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत कराया था। उसमें से आठ लाख रुपए राजनसिंह ने हड़प लिए। आदित्य की शिकायत पर भी राजन के खिलाफ प्रकरण कायम कर लिया गया है।

घर से बरामद हुए फर्जी दस्तावेज

क्राइम ब्रांच ने राजन के रिवेयरा टाउन फेस-1 स्थित मकान की तलाशी ली। यहां से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का सदस्य, कुपोषण निवारण समिति का पूर्व अध्यक्ष, प्रेसीडेंट ब्रेवरी अवॉर्ड, रॉयल अमेरिकन यूनिवर्सिटी से डॉक्टर ऑफ सोशल वर्क की मानद उपाधि, पीएचडी की मानद उपाधि मिली। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग सद्भावना समिति सदस्य, आर्यभट्ट कॉलेज दिल्ली विवि से ग्रेजुएशन संबंधी कागजात मिले। पुलिस के मुताबिक इनमें से अधिकांश दस्तावेज फर्जी निकले हैं। पुलिस अमेरिकन यूनिवर्सिटी से मिली मानद उपाधि के बारे में पड़ताल कर रही है। आरोपित के राष्ट्रपति द्वारा बहादुरी पुरस्कार दिए जाने की बात भी गलत निकली है।

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