चाय वाले की बेटी अब उड़ाएगी सेना के लड़ाकू विमान, मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

अांचल की सफलता में पिता सुरेश गंगवाल और मां बबीता गंगवाल का उम्रभर संघर्ष शामिल है, जिन्होंने तमाम परेशानियां झेली लेकिन बेटी को आसमान पर पहुंचा दिया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Jun 2018 09:51 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jun 2018 09:53 AM (IST)
चाय वाले की बेटी अब उड़ाएगी सेना के लड़ाकू विमान, मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
चाय वाले की बेटी अब उड़ाएगी सेना के लड़ाकू विमान, मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

नीमच(एएनअाई)। नीमच सिटी रोड पर चाय बेचने वाले सुरेश गंगवाल ने सोचा भी नहीं था कि उनकी बेटी आसमान छूएंगी। घर की माली हालत भी ऐसी नहीं कि इतना ऊंचा सपना देख सके लेकिन यह सपना देखा उसकी लाड़ली बेटी आंचल ने।

संघर्षों से लड़कर और मुसीबतों से जूझकर आंचल गंगवाल ने पांच लाख विद्यार्थियों के बीच एयरफोर्स कामन एडमिशन टेस्ट की परीक्षा पास की और नीमच ही नहीं बल्कि पूरे मप्र की एक मात्र ऐसी बेटी है जो फाइटर पायलट बनने जा रही है। उसकी इस सफलता में पिता सुरेश गंगवाल और मां बबीता गंगवाल का उम्रभर संघर्ष शामिल है, जिन्होंने तमाम परेशानियां झेली लेकिन बेटी को आसमान पर पहुंचा दिया। अब अांचल लड़ाकू विमान उड़ाएंगी।

एयरफोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट में सफल हुई प्रदेश की इकलौती तथा नीमच की बेटी आंचल गंगवाल को भोपाल में सीएम हाउस के पास स्थित जहानुमा पैलेस में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सम्मान किया।

गौरतलब है कि सिर्फ 22 पदों के लिए होने वाले कॉमन एडमिशन टेस्ट में देशभर से करीब 6 लाख युवा शामिल हुए। चुने गए 22 परीक्षार्थियों में 5 लड़कियां हैं। इनमें नीमच की आंचल मध्यप्रदेश से चयनित होने वाली एकमात्र उम्मीदवार हैं। सेना के कामों से प्रभावित आंचल लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़कर 30 जून को एक साल की ट्रेनिंग के लिए जाएंगी। इसके बाद वे भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान उड़ाएंगी। आंचल ने इस टेस्ट की तैयारी इंदौर में रहकर की है।

उत्तराखंड की त्रासदी से मिली प्रेरणा

आंचल बताती हैं कि जब 12वीं की पढ़ाई कर रही थी, तब उत्तराखंड में बाढ़ आई थी। उस दौरान सेना ने जिस साहस से लोगों की जान बचाई, तभी से तय कर लिया कि वे भी कुछ ऐसा ही करेंगी। ग्रेजुएशन के दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। इस दौरान व्यापमं के जरिये लेबर इंस्पेक्टर के रूप में चयन हुआ। फिलहाल मंदसौर में लेबर इंस्पेक्टर के तौर पर काम कर रही हैं। आंचल परिवार में पहली लड़की हैं, जो सुरक्षा सेवाओं में जाएंगी।

छठी बार में क्लियर किया इंटरव्यू

आंचल ने पांच बार एसएसबी इंटरव्यू फेस किया, लेकिन कामयाबी छठी बार में मिली। पांच दिन तक चलने वाले इंटरव्यू में स्क्रीनिंग के बाद साइकोलॉजिकल टेस्ट और ग्राउंड टेस्ट के साथ पर्सनल इंटरव्यू होता है। प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क, कमांड टास्क, सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट के जरिये फिजिकल और मेंटल स्ट्रेंथ भी परखी जाती है। अंत में मेडिकल होता है।

देशभर से सिर्फ पांच लड़कियों का चयन

आंचल को लिखित परीक्षा और एसएसबी इंटरव्यू की तैयारी करवाने वाले इंदौर निवासी रिटायर्ड कर्नल निखिल दीवानजी बताते हैं कि एयरफोर्स में सिलेक्शन के लिए कॉमन एडमिशन टेस्ट साल में दो बार होता है। 22 पदों पर चयन के लिए छह लाख परिक्षार्थियों ने यह टेस्ट दिया था। इन 22 में से इस बार सिर्फ पांच लड़कियों को देशभर से चुना गया है। इनमें आंचल मध्यप्रदेश से अकेली हैं।

तीन चरणों में होगी ट्रेनिंग

30 जून को रिपोर्टिंग के बाद 2 जुलाई से हैदराबाद की एयरफोर्स एकेडमी में अांचल की ट्रेनिंग शुरू होगी। तीन स्टेज में होने वाली इस ट्रेनिंग में ग्राउंड ड्यूटी के अलावा हेलिकॉप्टर, चॉपर,फाइटर एयरक्राफ्ट और ट्रांसपोर्ट कॅरियर के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। आंचल फाइटर एयरक्राफ्ट की ट्रेनिंग लेंगी।

कब-क्या सफलता

अप्रैल 2017 : पुलिस विभाग में उप निरीक्षक के रूप में चयनित। धार के बाद सागर प्रशिक्षण पर गई। अगस्त 2017 में ही रिजाइन कर दिया।

अगस्त 2017 : पुलिस विभाग से रिजाइन करने के बाद आंचल का चयन श्रम निरीक्षक के रूप में हुआ। तभी से वह मंदसौर में बतौर श्रम निरीक्षक काम कर रही है।

जून 2018 : एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट में सफल हुई। मप्र से एकमात्र युवती के रूप में चुनी गई। 30 जून से हैदराबाद एयर फोर्स एकेडमी पर प्रशिक्षण पर जाएंगी।

अवनि देश की पहली महिला लड़ाकू पायलट

देश की पहली महिला लड़ाकू पायलट मध्यप्रदेश से ही है। रीवा की अवनि चतुर्वेदी ने 19 फरवरी 2018 को जामनगर एयरबेस से अकेले ही मिग-21 से उड़ान भरकर यह इतिहास रचा था। अवनि को जून 2016 में वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल किया गया। उनके साथ राजस्थान की मोहना सिंह, बिहार की भावना कंठ को भी पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया।

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