मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

दूरसंचार विभाग द्वारा 23 मार्च को जारी अधिसूचना को असंवैधानिक और अमान्य बताते हुए रद किए जाने की मांग की गई है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Tue, 24 Oct 2017 07:15 PM (IST) Updated:Tue, 24 Oct 2017 07:15 PM (IST)
मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली, प्रेट्र। मोबाइल नंबरों को आधार से लिंक करने संबंधी दूरसंचार विभाग की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

तहसीन पूनावाला की ओर से दायर इस याचिका में दूरसंचार विभाग द्वारा 23 मार्च को जारी अधिसूचना को असंवैधानिक और अमान्य बताते हुए रद किए जाने की मांग की गई है। इसमें टेलीकॉम ऑपरेटरों को अधिसूचना के कार्यान्वयन से रोकने और पहले से एकत्रित आंकड़ों को नष्ट करने के लिए निर्देश देने की मांग भी की गई है।

सर्वोच्च अदालत ने छह फरवरी को केंद्र सरकार को एक साल के भीतर ऐसा प्रभावी तंत्र बनाने के लिए कहा था जिसमें सौ करोड़ से ज्यादा वर्तमान और भविष्य के मोबाइल उपभोक्ताओं की पहचान का सत्यापन किया जा सके। लोक नीति फाउंडेशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया था कि वर्तमान प्री-पेड मोबाइल उपभोक्ताओं को री-चार्ज के समय पहचान संबंधी विवरण देने के लिए कहा जा सकता है। मालूम हो कि कुल मोबाइल उपभोक्ताओं में से 90 फीसद प्री-पेड हैं। अदालत का कहना था कि अब मोबाइल फोन का इस्तेमाल बैंकिंग कार्यो के लिए भी किया जा रहा है इसलिए सत्यापन और ज्यादा जरूरी हो गया है।

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