Coronavirus Impact: न वायरस का खौफ... न खाने की परवाह, लॉकडाउन के बीच हाईवे का बदला है मंजर

कोरोना वायरस की महामारी के बीच देश में लॉकडाउन का असर दिख रहा है। लेकिन मजदूरों का एक वर्ग है जिसे न तो खाने की परवाह है न वायरस की... चले जा रहे हैं

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 05:42 PM (IST)
Coronavirus Impact:   न वायरस का खौफ... न खाने की परवाह, लॉकडाउन के बीच हाईवे  का बदला है मंजर
Coronavirus Impact: न वायरस का खौफ... न खाने की परवाह, लॉकडाउन के बीच हाईवे का बदला है मंजर

नई दिल्‍ली, (ऑनलाइन डेस्‍क)। सिर पर बोरी, हाथों में थैलियां साथ में छोटे-छोटे बच्‍चों को लिए नेशनल हाइवे पर लोगों का जत्‍था चला जा रहा है जैसे श्रद्धालुओं की भीड़ अपने तीर्थस्‍थल की ओर जा रही हो। इस जत्‍थे में अधिकतर 25-30 साल के युवक हैं जो यूपी-बिहार के गांवों से राजधानी दिल्‍ली व इससे सटे गुड़गांव व नोएडा की फैक्‍ट्रियों में रोजी-रोटी कमाते हैं। केवल यही नहीं गुजरात, महाराष्‍ट्र, ओडिशा आदि राज्‍यों के अलावा कई और राज्‍यों में भी काम करने वाले मजदूर यातायात का साधन न होते हुए भी सड़क के किनारे चल पड़े हैं।

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तमाम हिदायतें हुई बेकार

सोशल डिस्‍टेंसिंग की हिदायतों और सफर की पाबंदी के बावजूद हाईवे पर सफर करने वालों का नजारा देखने को मिल रहा है। सील की गई बॉर्डरों पर भी कुछ समय के लिए वाहनों की आवाजाही की छूट मिलने के बाद से ही हाईवे का मंजर बदला दिख रहा है।

#WATCH Huge number of people seen walking on foot toward their homes in different districts of Uttar Pradesh, at Ghazipur near Delhi-UP border in absence of transport services due to #CoronvirusLockdown. pic.twitter.com/k7mJxRK1QO

— ANI (@ANI) March 27, 2020

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 बसों में भरे हैं लोग... सोशल डिस्‍टेंसिंग की बात दूर

कानपुर के नौबस्ता में एक प्राइवेट स्‍लीपर बस को थर्मल स्‍क्रीनिंग के लिए पुलिस ने रोका और उसके भीतर के हालात देखकर दंग रह गई। बस की छतों पर तो लोग थे ही उसके भीतर भी ठूंस-ठूंस कर यात्री भरे हुए थे। दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग नरौरा पहुंचे। लेकिन पड़ोसी जनपद संभल की पुलिस ने उन्हें अपने जनपद में प्रवेश करने से रोक दिया, जिसे बाद में हल किया गया।

भीड़ में शामिल महिला और बच्चे भूख से काफी परेशान थे। कई लोगों ने दो दिनों से कुछ नहीं खाया था। लोगों ने बताया कि लगातार पैदल चलने के कारण कई लोगों को बुखार हो गया है, जबकि अधिकांश के पैरों में छाले पड़े हुए हैं। लेकिन सभी हर हाल में अपने घर पहुंचना चाहते हैं।

बिहार सरकार का संदेश

ठेले, साईकिल, ई-रिक्‍शा व पैदल ही चल पड़े लोगों के लिए बिहार सरकार ने संदेश दिया है कि जो जहां हैं वहीं रुके और लॉकडाउन का सम्‍मान करें। लेकिन दूसरे राज्यों और शहरों में रहने वाले लोगों में अब घर जाने की जद्​दोजहद दिख रही है। वहीं कुछ लोग कमाने का भी जरिया बना रहे हैं और अधिक किराया देकर बसों में भीड़ को लादे जा रहे हैं।

फैक्‍ट्रियों ने बंद किए दरवाजे

विभिन्‍न राज्‍यों में काम करने वाले मजदूरों की भीड़ हाइवे पर लंबी कतारों में खड़ी है। ये सभी अपने गांव वापस लौट रहे हैं क्‍योंकि उनके फैक्‍ट्री मालिकों ने स्‍पष्‍ट कह दिया है कि हालात अभी कुछ दिन ऐसे ही रहेंगे तब तक अपने गांव चले जाओ। लंबे सफर पर निकले इन मजदूरों को अपने भूख-प्‍यास की भी परवाह नहीं है। हालांकि लोगों की ओर से खाने व पानी के इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस की ओर से भी मदद मुहैया कराई गई लेकिन ये मजदूर बड़ी तादाद में हैं। इस क्रम में NH 24 पर पुलिस की जिप्‍सी खाना लेकर आई और इन राहगीरों को खिलाया।

नए कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया के तमाम देशों, ब्रिटेन, अमेरिका आदि में उच्‍च वर्ग के लोगों व अधिकारियों को अपने चपेट में ले रहा है। भारत में भी वायरस का संक्रमण फैल चुका है और इस संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन कर दिया है। सभी ट्रेनें व यातायात के साधन बंद कर दिए गए हैं। फैक्‍ट्रियां भी बंद पड़ी हैं। बेरोजगार हुए दिहाड़ी वाले मजदूरों व श्रमिकों के पास अपने गांवों की ओर लौटने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। शुक्रवार से ही नेशनल हाईवे 24 पर मजदूरों की लंबी कतारें चल रहीं हैं जो थमने का नाम नहीं ले रही।

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