पीएम ने बुलाई राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फनगर दंगे और देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष और दे

By Edited By: Publish:Sat, 14 Sep 2013 09:47 PM (IST) Updated:Sat, 14 Sep 2013 09:53 PM (IST)
पीएम ने बुलाई राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फनगर दंगे और देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष और देश के अन्य गणमान्य व्यक्ति सांप्रदायिक तनाव कम करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री सोमवार को मुजफ्फरनगर का दौरा कर हालात का जायजा भी लेंगे।

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दो साल बाद 23 सितंबर को होने वाली राष्ट्रीय एकता परिषद की इस बैठक में पिछले कुछ सालों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को एजेंडे में शामिल किया गया है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम चाहते हैं कि इन घटनाओं पर देश के सभी गणमान्य लोगों के बीच खुलकर चर्चा होनी चाहिए।' बैठक में हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए अहम सुझाव आने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इन सुझावों पर तत्काल अमल कर सकती है। 145 सदस्यीय राष्ट्रीय एकता परिषद में प्रधानमंत्री व उनके कैबिनेट सहयोगियों के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं। इसके साथ ही प्रमुख राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियों को इसका सदस्य बनाया गया है। मौजूदा राष्ट्रीय एकता परिषद का गठन 2010 में किया गया था।

गृह मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़े बताते हैं कि साल दर साल सांप्रदायिक हिंसक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। 2011 में जहां पूरे देश में 580 हिंसक घटनाएं हुई थीं। 2012 में यह संख्या बढ़कर 668 हो गई। यह तेजी 2013 में भी जारी है। 80 फीसद घटनाएं सात राज्यों बिहार, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई थीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा रोकने की तमाम कोशिशें नाकाम होने के बाद अंतत: राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलाने का फैसला किया गया।

गृह मंत्रालय और आइबी ने इसी महीने 11 राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिए एडवाइजरी जारी थी और कैबिनेट सचिव अजीत सेठ ने छह सितंबर को सातों राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक कर सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए उठाए गए उपायों की समीक्षा की थी। इसके बावजूद मुजफ्फरनगर दंगे को रोका नहीं जा सका।

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