कोयला घोटाले पर बोले मनमोहन- कानूनी प्रक्रिया से गुजरने को तैयार

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वे इस मसले पर कानूनी राय लेंगे। देश की न्याय व्यवस्‍था पर पूरा भरोसा जताते हुए पूर्व पीएम ने कहा कि उन्होंने सबीआई को सब सच बता दिया है ।

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 11 Mar 2015 10:28 AM (IST) Updated:Wed, 11 Mar 2015 06:51 PM (IST)
कोयला घोटाले पर बोले मनमोहन- कानूनी प्रक्रिया से गुजरने को तैयार

नई दिल्ली। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में एक विशेष अदालत द्वारा बतौर अभियुक्त समन जारी करने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वे इस मसले पर कानूनी राय लेंगे। देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा जताते हुए पूर्व पीएम ने कहा कि उन्होंने सबीआई को सब सच बता दिया है और बतौर प्रधानमंत्री भी इस संदर्भ में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जांच एजेंसी को बताया गया था।

दरअसल, स्पेशल कोर्ट ने आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख और उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला समेत छह लोगों को इस केस में समन जारी किया है। अदालत ने इन्हें आपराधिक षड्यंत्र रचने, विश्वास का उल्लंघन करने के लिए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत समन किया है। मनमोहन सिंह का कहा है कि वह जांच प्रक्रिया के लिए तैयार हैं। वहीं भाजपा नेता किरीट सोमैया का कहना है कि इस घोटाले के लिए जो कोई भी जिम्मेदार हो, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

इससे पूर्व प्रतिक्रिया देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, 'मैं जांच प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहा हूं। निश्चित रूप से मुझे इससे परेशानी हुई है कि कोर्ट ने मुझे इस मामले में समन किया है, लेकिन कोई बात नहीं यह जीवन का एक हिस्सा है। मुझे यकीन है कि अब सच्चाई सामने आ जाएगी। इस मामले में अब मुझे तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।'

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'हम न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं। हमें पूरा विश्वास है कि कोल ब्लॉक आवंटन मामले में सच सामने आएगा।'

कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में हिंडाल्को से संबंधित मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बतौर आरोपी समन जारी करते हुए पेश होने के निर्देश जारी किए हैं। विशेष जज भरत पाराशर की अदालत ने मनमोहन सिंह के अलावा उनके मुख्य सचिव टीकेए नायर, निजी सचिव बीवीआर सुब्रह्म्मण्यम, उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला पूर्व कोयला सचिव पीसी पारिख को भी आरोपी के तौर पर समन किया गया। अदालत ने सभी को आपराधिक साजिश, विश्वासघात और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत समन किया है। वहीं, अदालत ने मामले में आरोपियों के तौर पर मेसर्स हिंडाल्को, इसके अधिकारियों शुभेंदु अमिताभ और डी भट्टाचार्य को तलब किया। अदालत ने उन्हें पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। गौरतलब है कि इससे पूर्व गत 19 फरवरी को सीबीआइ ने हिंदल्को कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट दाखिल की थी।

उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2014 को कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआइ ने मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व उनके मुख्य सचिव टीकेए नायर, निजी सचिव बीवीआर सुब्रह्म्मण्यम, उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला समेत अन्य लोगों से पूछताछ की थी। अदालत के निर्देश के बाद इन लोगों से पूछताछ कर एजेंसी ने गत 27 जनवरी को अदालत में प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर की थी।

पेश मामले में कुमार मंगलम बिड़ला व पूर्व कोल सचिव पीसी. पारेख के खिलाफ सीबीआइ ने अक्टूबर 2013 में मामला दर्ज किया था। आरोप था कि पारेख ने हिंदाल्को को कोल ब्लॉक आवंटित न करने के अपने निर्णय को एक महीने में बदल दिया था और ऐसा करने के लिए उसने कोई कारण नहीं बताया था। यह आवंटन ओडिशा, तालाबीरा-दो और तीन के कोल ब्लॉक से संबंधित है। जो वर्ष 2005 में आवंटित हुए थे। इसलिए हिंदाल्को के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने मनमोहन सिंह को समन किए जाने पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा, 'कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इसलिए मुझे हैरानी हो रही है कि उन्हें समन किया गया है।'

पूर्व प्रधानमंत्री को समन किए जाने पर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा, 'कोल ब्लॉक आवंटन में हुए घोटाले की जांच अदालत की पैनी नजरों के तहत होनी चाहिए। इस घोटाले के लिए जो कोई भी जिम्मेदार हो, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।'

वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बिल्कुल भी आलोचना नहीं की है। इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व सरकार ने अत्यंत पारदर्शिता बरती है, जांच में पूरा सहयोग किया है। कांग्रेस नेता व्यालार रवि का कहना है कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समन किया जा सकता है, तो कह नहीं सकते कि देश में क्या होने वाला है।

रेणुका चौधरी ने कहा कि एक नेक इंसान की परीक्षा ली जा रही है, ये बड़े अफसोस की बात है। ठीक है, कोई परेशानी नहीं सच सामने आ जाएगा।

उधर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि कानून अपना काम करेगा, यह कोई बड़ी बात नहीं है। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ईमानदार शख्स थे, लेकिन जब ये घोटाला हुआ तो वह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे।

पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में मनमोहन सिंह को समन किए जाने पर हैरान होने की जरूरत नहीं है। कानून अपना काम करेगा।

भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर कोल ब्लॉक आवंटन में हुई गड़बड़ी को कांग्रेस का घोटाला मानते हैं। उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस का घोटाला है। आज मनमोहन सिंह की इस स्थिति के लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। यह बहुत बड़ा पाप है। यह कांग्रेस की काली करतूत है, जिसका खामियाजा मनमोहन सिंह को उठाना पड़ रहा है। मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां इसके बाद अपने रुख पर पुनर्विचार करेंगी।'

बता दें कि जब हिंडाल्को कोल ब्लॉक का आवंटन हुआ, तब मनमोहन सिंह ने कोयला मंत्री का कार्यभार संभाला हुआ था। उस समय कुमार मंगलम बिड़ला ने प्रधानमंत्री को खत लिखकर दो कोयला खदान आवंटित करने का अनुरोध किया था। मनमोहन सिंह से पूछताछ कर मामले की कई कड़ी सामने आ सकती हैं। इसलिए पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई थी, कि उसने कोल आवंटन के मसले पर मनमोहन सिंह से पूछताछ क्यों नही की? सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद सीबीआई ने पूर्व पीएम से पूछताछ की थी।

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हाल के दिनों में जिस तरह 1.10 लाख करोड़ रुपये में सिर्फ 19 कोयला खदानों की नीलामी हुई है, उससे कैग की रिपोर्ट सच साबित हो गई है। संप्रग सरकार के समय किए गए कोयला खदान आवंटन में कैग ने 1.86 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया था।

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