मन की बात: पीएम ने की 'नशा मुक्त भारत' बनाने की अपील

मादक पदार्थो की काली कमाई का इस्तेमाल आतंकी हमलों में भी किया सकता है। युवाओं से मादक पदार्थो की लत छोड़ने की भावुक अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें इस पर विचार करना चाहिए कि इस पर खर्च किये गए पैसे का उपयोग सीमा की रक्षा

By Sudhir JhaEdited By: Publish:Sun, 14 Dec 2014 11:01 AM (IST) Updated:Sun, 14 Dec 2014 09:29 PM (IST)
मन की बात: पीएम ने की 'नशा मुक्त भारत' बनाने की अपील

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मादक पदार्थो की काली कमाई का इस्तेमाल आतंकी हमलों में भी किया सकता है। युवाओं से मादक पदार्थो की लत छोड़ने की भावुक अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें इस पर विचार करना चाहिए कि इस पर खर्च किये गए पैसे का उपयोग सीमा की रक्षा करने वाले जवानों का खून बहाने में तो नहीं किया जा रहा है।

रविवार को रेडियो पर 'मन की बात' करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इससे अकेले नहीं निपट सकती है। इसके लिए माता-पिता, समाज और सरकार को सभी स्तरों पर एकजुट प्रयास करना होगा। उनके अनुसार युवाओं में नशे की लत को छुड़ाने के लिए मानसिक, सामाजिक और मेडिकल तीन स्तरों पर प्रयास करने होंगे। नशे से पीडि़त युवाओं और उनके परिवार वालों को मदद पहुंचाने और उचित सलाह देने के लिए सरकार जल्द ही टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू करेगी। उन्होंने दवा दुकानदारों से युवाओं तक ड्रग्स नहीं पहुंचने देने में मदद की अपील की।

युवा पीढ़ी की चिंता

मोदी ने कहा, 'लंबे अरसे बाद मुझे युवा पीढ़ी की चिंता हो रही है। चिंता इसलिए हो रही है कि किसी मां का लाल, किसी परिवार का बेटा या बेटी ऐसे दलदल में फंस जाते हैं। जब कोई बालक इस बुराई में फंसता है, तो कभी-कभी हम उस बालक को दोषी मानते हैं। हकीकत यह है कि नशा (अपने आप में) बुरा है। बालक को दुत्कार देंगे तो वह और नशा करने लग जाएगा।

नशे का थ्री डी इफेक्ट्स

प्रधानमंत्री ने कहा कि नशा व्यक्ति की जिंदगी में थ्री डी बुराइयां लाता है।

डार्कनेस : यह जीवन में अंधकार लाता है।

डिस्ट्रक्शन : खुद और परिवार में विध्वंस का कारण बनता है।

डिवैस्टेशन : अंतत: परिवार, समाज व देश में तबाही लाता है।

'ड्रग्स फ्री इंडिया' मुहिम चलाएंप्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों से ड्रग्स फ्री इंडिया हैशटैग के साथ आंदोलन चलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि वह आने वाले दिनों में खेल, फिल्म, कला जगत, सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों और संतों से इस विषय में जागरूकता फैलाने का आग्रह करेंगे।

बच्चों को ऐसे बचाएं

बच्चों के साथ खुलकर बात करें।

-उसके व्यवहार में बदलाव पर नजर रखें।

- बदलाव दिखते ही उसे इस बुराई से बचाने की कोशिश शुरू कर दें।

- बच्चे की सोच, उसके तर्क, उसके विचार, उसकी किताब, उसके दोस्त पर नजर रखें।

-उसके मोबाइल फोन पर क्या हो रहा है? उसका समय कहां बीत रहा है। इस पर बारीक नजर रखें।

पांच वर्ष लौ दीजिए

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है कि 'पांच वर्ष लौ दीजिए, दस लौ ताड़न देई, सुत ही सोलह वर्ष में मित्र सरिज गनि देई'। इसका तात्पर्य है कि पांच वर्ष की उम्र तक बच्चे को दुलार करना चाहिए। इसके बाद 10 वर्ष तक उसके लिए अनुशासन होना चाहिए और 16वें वर्ष में उसके साथ मित्र जैसा व्यवहार होना चाहिए। खुलकर बात होना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर की क्रिकेट टीम को जीत की बधाई

प्रधानमंत्री ने लंबे समय से आतंकवाद से ग्रस्त और हाल में बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे जम्मू-कश्मीर की क्रिकेट टीम को मुंबई के खिलाफ जीत पर बधाई दी। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जीत हासिल करने पर खुशी जताई। साथ ही उन्होंने विदेश की सैर करने वाले देशवासियों से पूर्वोत्तर भारत की खूबसूरती देखने की अपील की।

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