कोरोना से मुकाबले को दो हफ्ते और बढ़ेगा लॉकडाउन, आर्थिक गतिविधियां भी शुरू होने के संकेत

कोरोना वायरस महामारी के महासंकट को थामने के लिए 14 अप्रैल तक लागू मौजूदा देशव्यापी लॉकडाउन दो हफ्ते और बढ़ाया जा सकता है लेकिन इस बार इसका स्‍वरूप कुछ जुदा होगा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 11 Apr 2020 10:31 PM (IST) Updated:Sun, 12 Apr 2020 12:58 AM (IST)
कोरोना से मुकाबले को दो हफ्ते और बढ़ेगा लॉकडाउन, आर्थिक गतिविधियां भी शुरू होने के संकेत
कोरोना से मुकाबले को दो हफ्ते और बढ़ेगा लॉकडाउन, आर्थिक गतिविधियां भी शुरू होने के संकेत

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस महामारी के महासंकट को थामने के लिए 14 अप्रैल तक लागू मौजूदा देशव्यापी लॉकडाउन का दो हफ्ते और बढ़ना तय हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाए जाने को सही ठहराते हुए इसका अनौपचारिक एलान तक कर डाला। हालांकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री लॉकडाउन बढ़ाने के प्रस्ताव पर गौर कर रहे हैं। माना जा रहा कि प्रधानमंत्री अगले दो दिनों में एक बार फिर देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन बढ़ाने की आधिकारिक घोषणा करेंगे। 

आर्थिक गतिविधियों पर राहत के आसार

पीएम ने बैठक में लॉकडाउन बढ़ाने के जहां संकेत दिए वहीं यह भी साफ कर दिया कि लॉकडाउन के दूसरे स्टेज का मूल मंत्र 'जान भी, जहान भी' होगा। संकेत साफ है कि देश के आर्थिक विकास के रुके पहिए को शुरू करने के लिए कुछ आर्थिक गतिविधियों को सर्तकता के साथ संचालन की इजाजत दी जा सकती है। पीएम ने मुख्यमंत्रियों को भरोसा दिलाते हुए यह भी कहा कि वह 24 घंटे उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर कभी भी कोई उनसे संपर्क कर सकता है।कोरोना से मुकाबले के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का पुख्ता संकेत बैठक में खुद प्रधानमंत्री की ओर से यह कहते हुए दे दिया गया कि 'लॉकडाउन दो सप्ताह और बढ़ाने पर राज्यों के बीच आम सहमति बनती दिख रही है।' 

आर्थिक गतिविधियों पर ढील देने की मांग

हालांकि लॉकडाउन से गहराए आर्थिक संकट और चुनौतियों के मद्देनजर अगले चरण की रणनीति में उन इलाकों में सीमित आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने का संकेत भी दिया जहां कोरोना महामारी का असर नहीं है। पीएम ने कहा कि जहां मौजूदा 21 दिन के लॉकडाउन में जिंदगी बचाने के सबसे अहम लक्ष्य के लिए 'जान है तो जहान है' मुख्य मंत्र है। वहीं दूसरे चरण में सरकार का मंत्र 'जान भी, जहान भी' रहेगा। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध भी किया कि राज्यों को उनकी सीमा के भीतर सतर्कता के साथ आर्थिक गतिविधियां संचालित करने की अनुमति दी जाए। ऐसा नहीं होने से राज्यों के समक्ष बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा।

चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने पर भी हुई बात

केंद्र की ओर से लॉकडाउन बढ़ाने का यह संकेत मिलते ही बैठक के तुरंत बाद महाराष्ट्र और बंगाल की मुख्यमंत्री ने इसे अपने सूबों में 30 अप्रैल तक बढ़ाने की घोषणा भी कर डाली। वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम के फैसले को सही ठहराने के बहाने बड़ी चतुराई से लॉकडाउन दो हफ्ते बढ़ाए जाने का निर्णय उजागर कर दिया। कोरोना महामारी को लेकर मुख्यमंत्री के साथ पीएम की यह तीसरी बैठक थी। इसमें लॉकडाउन बढ़ाने ही नहीं बल्कि इसे चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने के लिए केंद्र की ओर से तैयार की गई योजना पर भी बातचीत हुई। 

ज्यादा सख्त होगा दूसरा चरण

सूत्रों ने कहा कि दूसरे चरण के लॉकडाउन में रणनीति और ज्यादा सख्त होगी क्योंकि लॉकडाउन का हर दिन देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार का संकट बढ़ाता जाएगा। इसीलिए चरणबद्ध एक्जिट प्लान में प्रस्तावित तीन जोन रेड, येलो और ग्रीन के हिसाब से कुछ दूसरी आर्थिक गतिविधियों को एक-दूसरे से दूरी बरतने यानी फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ छूट दी जा सकती है। कोरोना संक्रमण के मामले जहां ज्यादा संख्या में आ रहे उन्हें रेड जोन के तौर पर पूरी तरह सील रखा जाएगा। येलो जोन में लॉकडाउन प्रभावी रहेगा और ग्रीन जोन में सर्तकता नियमों के साथ आर्थिक गतिविधियों और सामान्य कारोबार की इजाजत दी जाएगी। 30 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होगा तो भी इसी आधार पर राज्य चरणबद्ध तरीके से चुनौती का आकलन कर इसे हटाने का फैसला लेंगे।

निरंतर सतर्कता की जरूरत

पीएम ने बैठक में कहा कि केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 के प्रभाव को कम करने में निश्चित रूप से मदद मिली है। लेकिन स्थिति तेजी से बदल रही है ऐसे में निरंतर सतर्कता सर्वोपरि है। मोदी ने कहा कि वायरस का संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए कदमों का असर जानने के लिए अगले तीन-चार हफ्ते बेहद अहम हैं। दवाओं की कमी को लेकर कुछ क्षेत्रों में जताई जा रही चिंता पर पीएम ने मुख्यमंत्रियों को आश्र्वस्त किया कि आवश्यक दवाओं की देश में पर्याप्त उपलब्धता है। 

अव्यवस्था पर दिखाएं सख्ती

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा। वहीं डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों और पूर्वोत्तर एवं कश्मीर के छात्रों के साथ दु‌र्व्यवहार की घटनाओं की निंदा करते हुए ऐसी हरकतों से सख्ती से निपटने की सलाह दी। पीएम ने कृषि कार्यो और कारोबार को लॉकडाउन से राहत दिए जाने की बात कही, साथ ही यह सुझाव भी दिया कि मंडियों में भीड़ को रोकने के लिए कृषि उपज के प्रत्यक्ष मार्केटिंग को प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए मॉडल एपीएमसी कानूनों में तेजी से संशोधन किए जाने चाहिए।

आर्थिक महाशक्ति बनने का मौका

आर्थिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संकट आत्मनिर्भर बनने और देश को एक आर्थिक महाशक्ति में बदलने करने का अवसर है। इसके लिए सभी को एकजुट प्रयास करना होगा। बैठक में अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने कोरोना से लड़ने के लिए विशेष आर्थिक संसाधन, चिकित्सा उपकरणों के साथ केंद्रीय फंड के अपने लंबित वित्तीय फंड तत्काल दिए जाने की मांग की। 

इस युद्ध में सब एकजुट

इस बैठक में भी आठ अप्रैल को हुई सर्वदलीय बैठक जैसी ही सियासी एकजुटता दिखी। ममता बनर्जी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, उद्धव ठाकरे से लेकर अरविंद केजरीवाल सरीखे विपक्ष शासित राज्यों के सीएम हों या योगी आदित्यनाथ, नीतीश कुमार और शिवराज सिंह जैसे भाजपा-एनडीए शासित राज्यों के सीएम कोरोना से लड़ाई में सभी के सुर करीब-करीब एक जैसे ही थे।

गमछे के मास्क में नजर आए पीएम मोदी

कोरोना महामारी से लड़ाई में मास्क बचाव का पहला रक्षा कवच है, इसका संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार सार्वजनिक रूप से मास्क लगाया। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये चार घंटे से अधिक हुई इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री हाथ से बना सफेद गमछे का मास्क लगाए हुए थे। पीएम के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी लोगों को मास्क पहनने की अहमियत और जरूरत का संदेश देने के लिए मास्क लगाकर बैठक में शामिल हुए। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जैसे कुछ एक मुख्यमंत्री गमछे को मास्क के विकल्प के रूप में उपयोग करते दिखाई दिए।

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