जानिए AN-32 की खूबियां, भारतीय वायुसेना के लिए क्यों अहम है ये एयरक्राफ्ट

एएन-32 को भारतीय वायुसेना में इंदिरा गांधी की सरकार के वक्त शामिल किया गया था। यह किसी भी मौसम में उड़ान भरने को सझम है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Fri, 22 Jul 2016 03:49 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jul 2016 05:05 PM (IST)
जानिए AN-32 की खूबियां,  भारतीय वायुसेना के लिए क्यों अहम है ये एयरक्राफ्ट

नई दिल्ली। एनटोनोव एन-32 दो इंजन वाला टर्बोप्रोप मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है। ये एयरक्राफ्ट रूसी विमान एएन-26 का आधुनिक वर्जन है। इस विमान की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सझम है।

इस एयरक्राफ्ट को इंदिरा गांधी की सरकार के समय रूस और भारत के बीच दोस्ताना संबंध और भारतीय वायुसेना की जरूरतों को देखते हुए मंगाया गया था। एएन-32 एयरक्राफ्ट की खासियत ये है कि यह 55 डिग्री सेल्सियत तापमान में भी उड़ान भर सकता है। ये विमान करीब 14,800 फीट यानि 4,500 मीटर की ऊंचाई से आवाजाही करने में सझम है।

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इसका अधिकतम इस्तेमाल कम और मध्यम हवाई दूरी के लिए सैन्य साजो-सामान पहुचांने, आपदा के समय घायलों को अस्पताल लाने-ले जाने और जावनों को एक जगह दूसरी जगह पहुंचाने में किया जाता है। भारत में जब भी युद्ध और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों हुई है इस विमान ने इंडियन एयरफोर्स का बहुत साथ निभाया है। कारगिल युद्ध के दौरान यह विमान जवानों को दुर्गम स्थानों पर भेजने में अहम साबित हुआ था।

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भारत में दो बार हो चुका है दुर्घटनाग्रस्त

भारत में अभी तक दो बार AN-32 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है। पहली बार 25 मार्च 1986 को हिंद महासागर के ऊपर से यह विमान गायब हुआ था। तब यह विमान सोवियत यूनियन से ओमान के रास्ते होते हुए भारत आ रहा था। इसमें तीन क्रू मेंबर थे और चार यात्री थे। तब इस विमान और उन लोगों के बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया था। उसके बाद दूसरी बार 10 जून 2009 को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका से उड़ान भरने के बाद ये विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस समय एएन-32 विमान में कुल 13 लोग सवार थे।

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