Schools Reopening: कोरोना महामारी के बीच खुल रहे स्कूल, जानें- छात्र और शिक्षक कैसे रहें सुरक्षित

कोरोना महामारी के खिलाफ भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस बीच राज्य सरकारें धीरे-धीरे स्कूलों को फिर से खोलने की तैयारी कर रही हैं। स्कूल जाते समय बच्चों और शिक्षकों को खासा ध्यान रखना होगा।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 01:41 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 01:41 PM (IST)
Schools Reopening: कोरोना महामारी के बीच खुल रहे स्कूल, जानें- छात्र और शिक्षक कैसे रहें सुरक्षित
बच्चों को स्कूल भेजते समय शिक्षकों, छात्रों के माता-पिता को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।

नई दिल्ली, आइएएनएस। देश में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू होने और कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या में गिरावट के साथ, सरकार ने धीरे-धीरे स्कूलों को फिर से खोलने (Schools Reopening) की अनुमति देने का फैसला किया है। इसके तहत कई चरणों में स्कूलों को खलने की अनुमति दी जा रही है। सबसे पहले 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को स्कूल में एंट्री मिल रही है। इसके बाद फिर जूनियर कक्षाओं के छात्रों को भी स्कूल आने की इजाजत मिलेगी।

स्कूल खुलने के साथ ही यह बेहद जरूरी हो गया है कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए पहले की तरह गंभीरता से कदम उठाए जाएं। देश में कोरोना के मामलों की संख्या कम जरूर हो रही है, वायरस की रफ्तार भी सुस्त हो गई है, लेकिन यह अभी पूरी तरह से ख्तम नहीं हुआ है। हमें इसके प्रसार को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करने होंगे।

 - बच्चों पर कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे में स्कूल अधिकारियों, शिक्षकों, छात्रों के माता-पिता और स्वयं छात्रों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

 - स्कूलों और अभिभावकों द्वारा छात्रों को शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना, मास्क पहनना, बार-बार हाथों को धोने जैसे बुनियादी बातों को सिखाया जाना चाहिए।

 - सरकार द्वारा छात्रों को स्कूलों में जाने की अनुमति के बीच बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को भी कुछ बदलाव लाने होंगे। स्कूलों को ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास के बीच तालमेल बिठाकर चलना होगा।

- स्कूलों को छात्रों की संख्या को सीमित करना होगा। इसके लिए स्कूल छात्रों को शिफ्ट में बुला सकते हैं। ताकि शारीरिक दूरी के नियमों का प्रभावी ढंग से पालन किया जा सके।

- अधिकारी यह सुनिश्चित करना होगा की स्कूल के अंदर और बाहर साफ-सफाई का पूरा ध्यान रका जाए। बच्चों के संपर्क में आने वाली सतहों और वस्तुओं (जैसे डेस्क और टेबल) को नियमित रूप से कीटाणुनाशक से साफ करना होगा।

- इसके अलवा बच्चों को नियमित तौर पर हाथों को साफ करने के लिए बढ़ावा देना होगा। साथ ही साथ कार्यस्थल में प्रमुख स्थानों पर ऑटोमेटिक हैंड सैनिटाइजर मशीन लगाना होगा।

- बच्चों को चेहरे और नाक को ढंकने के लिए मास्क का उपयोग करने के बार में सिखाना होगा। सामाजिक कार्यक्रमों की असेंबलियों को प्रतिबंधित करना होगा, कैंटीनों में इकट्ठा होना और भोजन साझा करने की प्रथा को कम करना होगा।

- छात्रों की स्कूल में एंट्री से पहले अनिवार्य रूप से थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी। बुखार औक खांसी जैसे लक्षणों में किसी को आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और उसके लिए तत्काल सेल्फ आइसोलेशन की सिफारिश करनी होगी।

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