पुलिस की गिरफ्त में भारत का 'लादेन' कुरैशी, अभी भी इन चेहरों की है तलाश

दिल्ली पुलिस को इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी को गिरफ्तार करने में अहम कामयाबी मिली है।

By Lalit RaiEdited By: Publish:Mon, 22 Jan 2018 03:41 PM (IST) Updated:Mon, 22 Jan 2018 04:59 PM (IST)
पुलिस की गिरफ्त में भारत का 'लादेन' कुरैशी, अभी भी इन चेहरों की है तलाश
पुलिस की गिरफ्त में भारत का 'लादेन' कुरैशी, अभी भी इन चेहरों की है तलाश

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। भारत के खिलाफ देशद्रोही संगठन प्रत्यक्ष और परोछ तरीके से लड़ाई लड़ रहे हैं। सुरक्षा बल जहां पाकिस्तान से सटे एलओसी पर आतंकी और उनके संगठनों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं,वहीं देश के अंदर नापाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में बैठे संगठनों पर नकेल लगाने की कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में दिल्ली में स्पेशल सेल को अहम कामयाबी मिली जब उसने भारत के लादेन नाम से कुख्यात आतंकी और इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापकों में से एक अब्दुल सुभान कुरैशी को गिरफ्तार किया। कुरैशी के सिर पर चार लाख रुपये का इनाम घोषित था और उसकी तलाश पुलिस पिछले कई वर्षों से कर रही थी।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक कुरैशी ने 2007-8 के दौरान सिमी के चार ट्रेनिंग कैंप बनाए थे। और वो आतंक के जाल को और पुख्ता करने के लिए सऊदी अरब भी गया था जहां उसने दो साल गुजारे। पुलिस का कहना है कि बोधगया हमले में कुरैशी की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही वो दिल्ली और एनसीआर इलाके में इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी को दोबारा खड़ा करने की योजना बना रहा था। ये बात सच है कि भारत का लादेन यानि कुरैशी इस समय पुलिस की गिरफ्त में है। लेकिन अभी भी कुछ चेहरे देश के अंदर और बाहर है जिनकी वजह से खतरा बरकरार है

दाऊद इब्राहिम कास्कर 

आतंक का ये चेहरा पिछले 24 साल से गायब है। भारत की धरती पर जन्म लेने वाला दाऊद 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट का गुनहगार और अब मुंबई पर हमलों का मददगार है। दाऊद को पकड़ पाना एक ऐसा सपना है जो 24 सालों से भारत की खुफिया एजेंसियां देख रही हैं। 

दाऊद का छोटा भाई अनीस इब्रहिम

अनीस इब्राहिम दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ है। दाऊद के साथ मिलकर 1993 मुंबई धमाकों का खाका तैयार किया था। मुंबई धमाकों में  257 मासूम मारे गये, 500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। 

टाइगर मेमन

दाऊद के करीबियों में टाइगर मेमन है। इसका भी 1993 मुंबई धमाकों में अहम भूमिका थी। भारत सरकार को इसकी तलाश है। मेमन भाईयों ने भी  दाऊद के साथ मिलकर देश को दहलाया। 1993 के मुंबई धमाकों की साजिश दाऊद ने टाइगर मेमन के साथ रची। हत्या और अपहरण के अलावा आतंकवाद और हथियारों की तस्करी के मामले उस पर दर्ज हैं। छोटा भाई अयूब मेमन भी हर अपराध में टाइगर के साथ कदमताल कर रहा है। दोनों भाइयों की पनाह कराची ही है। हालांकि टाइगर मेमन कई बार दुबई में भी देखा गया है।

छोटा शकील -

छोटा शकील कराची में रहता है। ये हत्या, अपहरण, जबरन वसूली और ब्लैकमेल के कई मामलों में अभियुक्त है।अयूब मेमन

इसने 1993 के मुंबई धमाकों में दाऊद के साथ मिलकर पूरी साजिश का खाका तैयार किया था। साथ ही हत्या और अपहरण के अलावा आतंकवाद और हथियारों की तस्करी के मामले उस पर दर्ज हैं।

अब्दुल रज्जाक

ये भी दाऊद के गुर्गों के साथ कराची में ही बैठा है। ये सभी आतंकवादी आज भी भारत में आतंकवादी हमले करने की फिराक में जुटे हैं। भारत को इसका सरगर्मी से तलाश है।

अब्दुल करीम 'टुंडा'  

कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का आरोपी है। 1996-97 में दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में 30 से ज्यादा ब्लास्ट में वांछित है। टूंडा सजा भुगत रहा है। 

इशाक अता हुसैन

ये दाऊद इब्राहिम का खास है। इशाक पर भारत के एक बड़े नेता के कत्ल की साजिश का आरोप है। इस वक्त ये कराची में छुपा बैठा है।

सागिर सबीर अली शेख 

ये दाउद का बहुत करीबी है। इस पर भी भारत के एक बड़े नेता के कत्ल की साजिश का आरोप है। इसने भी कराची में पनाह ले रखी है।

जानकार की राय

दैनिक जागरण से खास बातचीत में यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि इसमें शक नहीं कि देश के अंदर और बाहर आतंकी संगठन अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। लेकिन भारतीय सुरक्षा बल और दूसरी एजेंसियां उन्हें अपने कब्जे में लेने की लगातार कोशिश करती हैं। आप देख सकते हैं कि हाल के दिनों में आतंकी संगठनों और उनके प्रति हमदर्दी रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है। किसी भी आतंकी के पकड़े जाने को समय सीमा के नजरिए से नहीं देखना चाहिए। जांच एजेंसियों, खुफिया एजेंसियों और पुलिस बल के लिए हर एक दिन चुनौती की ही तरह होता है। हाल के समय में संसाधनों में इजाफा हुआ जिसका असर पुलिस की कार्यप्रणाली पर दिखाई भी दे रहा है। 

हाफिज मोहम्मद सईद

अंतरराष्ट्रीय आतंकी सईद की गुनाहों की लिस्ट काफी लंबी है। हाफिज मोहम्मद सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के हमालवर दस्ते के सबसे खूंखार आतंकवादी है। भारत सरकार की तरफ से पाकिस्तान को सौंपी गई 20 मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में इसका भी नाम है। हफीज ने पाक अधीकृत मुरीदके में बैठकर मुंबई धमाकों की साजिश रची थी। इस साजिश में उसे दाऊद इब्राहिम का भी भरपूर साथ मिला था।

मौलाना मसूद अजहर

 भारत  को मसूद अजहर की काफी दिनों से तलाश है। ये वो आतंकी है जिसे भारत सरकार ने आईसी 814 विमान के बंधकों के एवज में छोड़ दिया था। खुद तत्कालीम विदेश मंत्री जसवंत सिंह इन्हें छोड़ने कंधार पहुंचे थे। और साथ ही 2001 में संसद पर हुए हमले में इसका हाथ था। भारत की जेल से छूटते ही अजहर के इरादे और खौफनाक हो चुके थे। अजहर ने दिसंबर 1999 में जैश-ए-मोहम्मद नाम के संगठन की स्थापना की। अजहर के खौफनाक इरादों का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि आज ये संगठन जम्मू और कश्मीर का सबसे खतरनाक संगठन बन चुका है।

सैय्यद सलाउद्दीन

गुनाह की लिस्ट में सैय्यद सलाउदीन को नौवें नंबर पर रखा गया है। ये हिजबुल मुजाहिदीन का मुखिया है। जिसने जम्मू कश्मीर में एक मस्जिद का मुतवल्ली होने के बावजूद यहां की जड़ें खोखली कर डालीं। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए भारत सरकार को सैयद सलाउदीन की तलाश है। ये पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में बैठकर अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम देता है। सलाउदीन ने भारत का नागरिक होने के बावजूद इस देश की जड़ें खोदनी शुरू कर दीं। सैयद सलाउद्दीन 1980 में श्रीनगर के पास बड़गाम में एक मस्जिद में इमाम था। 1987 में उसने विधानसभा चुनाव में किस्मत भी आजमाई। लेकिन वो चुनाव हार गया था।

वाधवां सिंह बब्बर

ये बब्बर खालसा इंटरनेश्नल का आतंकवादी है। 80 के दशक में पंजाब में आतंकवाद की बेल सींचने का आरोपी है। पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या समेत एक दर्जन से ज्यादा मामलों में इसकी तलाश है। फिलहाल लाहौर को अपना ठिकाना बनाया हुआ है।

रंजीत सिंह नीता

खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का ये मुखिया है। कत्ल, बम ब्लास्ट और हथियारों की तस्करी में इसकी तलाश है। बताया जाता है कि वो लाहौर से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। 

परमजीत सिंह पंजवार

ये खालिस्तान कमांडो फोर्स का नेता है। पंजाब में आतंकवाद को फिर से हवा देने की कोशिश में ये वांछित है। हत्या और हथियारों की तस्करी के दर्जन भर मामलों में भारत सरकार को इसकी तलाश है। परमजीत लाहौर में रहता है।

लखबीर सिंह रोड

ये इंरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का नेता है। पंजाब में धार्मिक भावनाएं भड़काने, नेताओं पर हमले और हथियारों की तस्करी का आरोपी है। बताया जाता है कि ये लाहौर से अपने संगठन को चला रहा है। 

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