खतरे की घंटी : आइएस में शामिल हुए 17 भारतीय

आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट और उससे जुड़े जबहत अल-नुसरा में 17 भारतीय शामिल होने की आशंका है। इस महीने की शुरुआत में गृहमंत्रालय ने 12 राज्‍यों के डीजीपी और गृह सचिवों के साथ बैठक कर उन भारतीयों पर चर्चा की थी, जिनके बारे में खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि

By Sachin kEdited By: Publish:Wed, 26 Aug 2015 12:04 PM (IST) Updated:Thu, 27 Aug 2015 02:11 AM (IST)
खतरे की घंटी : आइएस में शामिल हुए 17 भारतीय

नई दिल्ली। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट और उससे जुड़े जबहत अल-नुसरा में 17 भारतीय शामिल होने की आशंका है। इस महीने की शुरुआत में गृहमंत्रालय ने 12 राज्यों के डीजीपी और गृह सचिवों के साथ बैठक कर उन भारतीयों पर चर्चा की थी, जिनके बारे में खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि वे आईएस में शामिल हो गए हैं।

इस जानकारी के सामने आने के बाद से दिल्ली सराकार की नींद उड़ा दी है, जिसने नवंबर में कहा था कि भारत को आईएस से नगण्य खतरा है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, लापता 17 भारतीय नागरिक या तो आईएस या प्रतिद्वंद्वी संगठन जबहात अल नुसरा के साथ जुड़ गए हैं। यह दावा भारतीय और विदेशी इंटेलिजेंस एंजेसियों की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है।

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इंटेलिजेंस एजेंसियों के पास इन लोगों के नाम की सूची मौजूद है। बताया जा रहा है कि इंडियन मुजाहिद्दीन के करीब 12 लड़ाके भी इस्लामिक स्टेट से जुड़ गए हैं। हालांकि, आतंकी संगठन में शामिल होने जा रहे 22 लोगों को रोकने में पुलिस सफल रही है।

आतंकी ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने वाले सभी 17 लोग कम उम्र के हैं। इनके साथ एक महिला भी थी, जो अपने घर वापस लौट आई है। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी युवक पढ़े-लिखे और मध्यमवर्गीय या अमीर परिवार से हैं। इनमें से कुछ का इस्लामिक पॉलिटिकल संगठनों से संबंध रह चुका है, लेकिन आतंकवाद से कोई भी नहीं जुड़ा था।

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पिछले साल महाराष्ट्र के थाने में रहने वाले चार युवकों के आईएस में शामिल होने की खबर सामने आई थी। इनमें से आरिब माजिद वापस हिंदुस्तान लौट आया था। उस पर आंतकी-गतिविधियों में शामिल होने का मामला दर्ज किया गया था। बाकी तीन युवकों के सीरिया या इराक में मारे जाने की खबरें आई थीं। हालांकि, उनका नाम इस 17 लापता भारतीयों की सूची में शामिल नहीं था।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ आसिफ इब्राहिम को कट्टरता से निपटने का प्रोग्राम तैयार करने को कहा है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और आंध्र पदेश समेत कई राज्यों में प्रदर्शनों के दौरान आईएसआईएस के झंडे देखे गए।

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