इंटरपोल ने 194 देशों को फर्जी कोविड वैक्सीन पर किया सतर्क, सीबीआइ ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी से साधा संपर्क

यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला पश्चिमी देश बन चुका है। जबकि भारत में भी जल्दी ही कोरोना संक्रमण से बचाने वाली वैक्सीन तैयार होने की घोषणा हो सकती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 07:52 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 08:08 PM (IST)
इंटरपोल ने 194 देशों को फर्जी कोविड वैक्सीन पर किया सतर्क, सीबीआइ ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी से साधा संपर्क
फेक कोरोना वैक्सीन को लेकर इंटरपोल ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है

नई दिल्ली, एजेंसियां। इंटरपोल ने भारत समेत समूचे विश्व की सभी सुरक्षा एजेंसियों को नकली कोविड-वैक्सीन की बिक्री और वितरण के प्रति आगाह किया है। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि संगठित आपराधिक नेटवर्क फर्जी वैक्सीन को इंटरनेट और दुकानों पर बेचने की साजिशें रच रहा है।

इंटरपोल ने भारत समेत सभी 194 सदस्य देशों को विगत बुधवार को ऑरेंज नोटिस जारी करते हुए कहा कि फ्रांस के लियोन स्थित अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग निकाय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को आगाह करते हुए कहा कि वह कोविड-19 और फ्लू की वैक्सीन को लेकर आपराधिक गतिविधियों से निपटने को लेकर पूरी तरह तैयार रहें। इन साजिशों में वैक्सीन के झूठे, अवैध विज्ञापन और उनकी बिक्री शामिल है।

सीबीआइ ने इंटरपोल से साधा संपर्क

भारत की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआइ ने भी इस संबंध में इंटरपोल से संपर्क साधा है। इंटरपोल ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए जनता की सुरक्षा को किसी घटना, व्यक्ति, वस्तु या प्रक्रिया से गंभीर खतरा हो सकता है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला पश्चिमी देश बन चुका है। जबकि भारत में भी जल्दी ही कोरोना संक्रमण से बचाने वाली वैक्सीन तैयार होने की घोषणा हो सकती है।

फर्जी उत्पादों की बिक्री करने वाली वेबसाइट पर इंटरपोल की नजर

इंटरपोल के महासचिव जुरगन स्टॉक ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस संगठनों को वैक्सीन की सप्लाई चेन को सुरक्षित रखने को कहा है। साथ ही अवैध वेबसाइटों की पहचान करें जो फर्जी उत्पादों की बिक्री करती पाई जाएं। इंटरपोल की साइबर क्राइम यूनिट ने तीन हजार ऐसी वेबसाइटों का विश्लेषण किया है जो ऑनलाइन फार्मा कंपनियों से जुड़ी हुई हैं और अवैध दवाइयों और चिकित्सकीय उपकरणों की बिक्री में संलिप्त हैं। इसके अलावा, वित्तीय और फार्मा कंपनियों के साथ फिशिंग, स्पैम और मालवेयर के रूप में करीब 1700 साइबर खतरे मौजूद हैं। अधिकारियों ने कहा कि इंटरपोल की वैश्विक चेतावनी का मकसद यही है कि कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी सभी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके।

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