त्रिपुरा तक शुरू हुआ भारत-बांग्लादेश जलमार्ग, सामान की पहली खेप पहुंची

पोत के पहुंचने के साथ ही त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच 93 किलोमीटर लंबे सोनामुरा-दाउकांडी इनलैंड जलमार्ग की औपचारिक शुरुआत हो गई।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 06 Sep 2020 08:09 AM (IST) Updated:Sun, 06 Sep 2020 08:09 AM (IST)
त्रिपुरा तक शुरू हुआ भारत-बांग्लादेश जलमार्ग, सामान की पहली खेप पहुंची
त्रिपुरा तक शुरू हुआ भारत-बांग्लादेश जलमार्ग, सामान की पहली खेप पहुंची

अगरतला, एजेंसी। बांग्लादेश से जलमार्ग के माध्यम से सामान की पहली खेप शनिवार को त्रिपुरा पहुंच गई। देश के अन्य हिस्सों से बांग्लादेश के रास्ते जलमार्ग से सामान पहुंचाने के लिए यह सामान परीक्षण के तहत पहुंचाया गया है। दोनों देशों के बीच नए जलमार्ग को औपचारिक रूप से संचालन में लाया गया है।एक बांग्लादेशी पोत प़़डोसी देश के दाउकांडी से 10 टन सीमेंट लेकर 93 किलोमीटर की जलमार्ग से यात्रा कर पश्चिमी त्रिपुरा के सोनामुरा पहुंचा। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब एवं अन्य ने यहां पोत का स्वागत किया। पोत के पहुंचने के साथ ही त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच 93 किलोमीटर लंबे सोनामुरा-दाउकांडी इनलैंड जलमार्ग की औपचारिक शुरआत हो गई।

त्रिपुरा की राजधानी से 55 किलोमीटर पश्चिम में स्थित सोनामुरा में अस्थायी तैरती जट्टी बनाई गई है। यह जट्टी त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच गोमती नदी के जरिये नए जलमार्ग को शुरू करने के लिए बनाई गई है। कोलकाता से गुवाहाटी होकर अगरतला की दूरी 1650 किलोमीटर है और नई दिल्ली से यह 2,637 किलोमीटर की दूरी पर है। बांग्लादेश के रास्ते कोलकाता से अगरतला की दूरी सिर्फ 620 किलोमीटर है। जल मार्ग से सामान की आवाजाही में 25 से 30 फीसद तक खर्च बचने का अनुमान है। 

इस मौके पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा, 'जलमार्ग परिवहन से व्यापार की लागत 20-25% कम हो जाती है। अंतर्देशीय जलमार्ग अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को माल परिवहन में भी मदद करेगा। देब ने कहा कि अंतर्देशीय जलमार्ग अन्य उत्तरपूर्वी राज्यों को भी माल पहुंचाने में मदद करेगा। देब ने कहा कि अंतर्देशीय जलमार्ग अन्य उत्तरपूर्वी राज्यों को भी माल पहुंचाने में मदद करेगा।

देब ने कहा कि बांग्लादेश के डौकंडी से सीमेंट ले जाने वाला जहाज तीन सितंबर को त्रिपुरा के सोनमुरा बंदरगाह के लिए रवाना हुआ, जो मेघना-गोमती मार्ग से गुजर रहा था। दाउकंडी (बांग्लादेश) - सोनमुरा (त्रिपुरा) अंतर्देशीय जलमार्ग प्रोटोकॉल मार्ग 3 सितंबर को भारत-बांग्लादेश संबंधों में मील का पत्थर साबित हुआ।अंतर्देशीय जल व्यापार और पारगमन (PIWTT) के लिए प्रोटोकॉल भारत और बांग्लादेश के बीच 1972 में दोनों देशों के बीच अंतर्देशीय जलमार्ग कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे, विशेष रूप से भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के साथ और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए।

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