भारतीयों के स्विस खातों का खुलासा अगले वर्ष

विकिलीक्स के संस्थापक जुलियन असाजे ने शनिवार को कहा कि स्विस बैंक में भारतीय खाताधारकों के नाम अगले वर्ष कभी भी जाहिर किए जा सकते हैं।

By Edited By: Publish:Sat, 03 Dec 2011 09:04 PM (IST) Updated:Sat, 03 Dec 2011 09:15 PM (IST)
भारतीयों के स्विस खातों का खुलासा अगले वर्ष

नई दिल्ली। विकिलीक्स के संस्थापक जुलियन असांजे ने शनिवार को कहा कि स्विस बैंक में भारतीय खाताधारकों के नाम अगले वर्ष कभी भी जाहिर किए जा सकते हैं। ब्रिटेन में नजरबंद असांजे ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एचटी लीडरशीप सम्मेलन के दौरान कहा कि इस मामले में सूचनाओं वाला सीडी देने वाले रूडाल्फ एल्मर के संबंध में सुनवाई चल रही है और इस समय कुछ भी खुलासा करना उपयुक्त नहीं होगा।

यह पूछे जाने पर कि स्विस बैंकों में भारतीय खाताधारकों के नाम आने वाले वर्ष में जाहिर किए जाएंगे, उन्होंने कहा, 'हां'। उन्होंने कहा कि ऐसे खातों, जिसकी सूचनाओं का भारत में प्रभाव पड़ेगा, उनका आने वाले वर्ष में खुलासा किया जाएगा। असांजे ने कहा कि चूंकि एल्मर जेल में हैं और कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे हैं, इसलिए वह इस विषय पर कुछ नहीं बोलेंगे।

उन्होंने कहा कि इसी कारण से दुर्भाग्यवश मैं स्विस खातों के बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगा। हमें अपने लोगों का बचाव करना चाहिए। आस्ट्रेलिया के इस भंडाफोड़ करने वाले ने कहा कि कुछ देशों की सरकारें ई मेल और इंटरनेट लेनदेन से जुड़े लेनदेन से संबंधित सूचनाएं निकालकर उन्हें वालमार्ट जैसी कंपनियों को प्रदान कर रही हैं। उन्होंने हैकिंग और असंदिग्ध लोगों की सूचनाएं हैक करने से संबंधित कुछ स्तब्ध करने वाले खुलासे किए।

असांजे ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की तर्ज पर गठित एनटीआरओ भी इस्लामी आंतक पर इसी तरह से निगाह रख रही है। हालांकि एनटीआरओ के निजी कंपनियों को सूचना देने की घटना जाहिर नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ई-मेल से जुड़ी सूचनाएं और इंटरनेट के माध्यम से केडिट कार्ड और डेबिट कार्ड लेनदेन प्रशांत सागर और अमेरिका में भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मिशन का एक हिस्सा वालमार्ट, लाकहिड मार्टिन और बोइंग जैसी कंपनियों को आर्थिक खुफिया सूचना प्रदान करना है। वे [सुरक्षा और निजी एजेंसी] खुफिया सूचना निकालते हैं और आर्थिक फायदे के लिए उनका उपयोग करते हैं।

असांजे ने हालांकि कहा कि उनके पास लाभ प्राप्त करने वाली कंपनियों के बारे में कोई सबूत नहीं हैं। गौरतलब है कि मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दिए जाने के बाद वालमार्ट उन कंपनियों में शामिल होगी जो भारत में अपना स्टोर स्थापित करेंगी। असांजे ने दावा किया कि दो भारतीय कंपनियां रिसर्च एंड एलालिसिस विंग [रॉ] को ई मेल और मोबाइल फोन की निगरानी करने में मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस की एक बड़ी कंपनी लीबिया के तानाशाह कज्जाफी को लोगों पर नजर रखने में मदद कर रही थी। इस कंपनी के पास हिंदी और तमिल भाषा में आदान-प्रदान पर भी निगाह रखने की क्षमता है।

असांजे ने कहा कि छह वर्ष पहले जब वह इस क्षेत्र में शोध कर रहे थे तब उन्हें चीन की ओर से सीबीआई प्रणाली को हैक करने की सूचना मिली जो अपने उद्देश्य के लिए सूचनाएं निकाल रहे थे। असांजे ने आरोप लगाया कि कुछ सूचनाओं का इस्तेमाल क्रेडिट और डेबिट कार्ड कंपनियां कर रही थी।

उन्होंने कहा, 'हम अपने जीवन से जुड़ी आजादी का बड़ा हिस्सा छोड़ रहे हैं। मैं नहीं समझता कि ऐसा किया जाना चाहिए। भारतीयों की सम्प्रभुता सीधे इन कंपनियों के माध्यम से प्रभावित हो रही हैं।'

विकिलीक्स के संस्थापक ने कहा कि अमेरिका में जिस चुनाव में बराक ओबामा राष्ट्रपति चुने गए थे, उसमें एक बड़ा मुद्दा एक प्रमुख दूरसंचार कंपनियों की ओर से कथित हैकिंग से जुड़ा था। उन्होंने कहा कि भारत में सूचना का अधिकार कानून के जरिए लोगों को जानने का हक प्रदान किया जाना पारदर्शिता की दृष्टी से महत्वपूर्ण है।

असांज ने आरोप लगाया कि कुछ कंपनियां कानून के दायरे से बाहर जाकर काम करती हैं। वे लोगों को चीनी आक्रमण या रूस के मिसाइल का भय दिखाती हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ देशों में शासन पूर्व के यूएसएसआर की तरह से काम कर रही हैं। असांजे ने एक जर्मन कंपनी का नाम लिया जो निगरानी करने वाले उपकरण खुले तौर पर बेच रहे हैं जिनका राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह करीब एक वर्ष से नजरबंद है हालांकि उनके खिलाफ कोई आरोपपत्र नहीं दायर किया गया है।

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