Indian Railways: 'तत्काल' टिकटों से रेलवे मालामाल, कमाई सुन उड़ जाएंगे होश

तत्काल टिकट का मकसद आखिरी वक्त पर यात्रा का निर्णय लेने वाले यात्रियों को आरक्षण का अवसर उपलब्ध कराना था। इसकी शुरुआत चुनिंदा ट्रेनों से हुई थी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Sun, 01 Sep 2019 06:10 PM (IST) Updated:Sun, 01 Sep 2019 06:10 PM (IST)
Indian Railways: 'तत्काल' टिकटों से रेलवे मालामाल, कमाई सुन उड़ जाएंगे होश
Indian Railways: 'तत्काल' टिकटों से रेलवे मालामाल, कमाई सुन उड़ जाएंगे होश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 'तत्काल' स्कीम से रेलवे को चार वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है। तत्काल स्कीम 1997 में शुरू की गई थी। इसका मकसद आखिरी वक्त पर यात्रा का निर्णय लेने वाले यात्रियों को आरक्षण का अवसर उपलब्ध कराना था। इसकी शुरुआत चुनिंदा ट्रेनों से हुई थी। बाद में 2004 में इस सुविधा का विस्तार सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में कर दिया गया था।

रेलवे को 2016 से 2019 के चार वर्षो की अवधि में तत्काल कोटा टिकटों से कुल 21,530 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई। इसके अलावा तत्काल प्रीमियम टिकटों से भी रेलवे को 3862 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई।

तत्काल कोटे का टिकट बुक कराने वाले यात्रियों से द्वितीय श्रेणी के मामले में बेसिक किराये के 10 फीसद के बराबर, जबकि अन्य श्रेणियों के मामले में बेसिक किराये के 30 फीसद के बराबर तत्काल शुल्क वसूला जाता है। लेकिन इस शुल्क की न्यूनतम और अधिकतम सीमाएं निर्धारित हैं।

तत्काल के प्रीमियम वर्जन की शुरुआत 2014 में चुनिंदा ट्रेनों में हुई थी। इसके तहत तत्काल कोटे के पचास फीसद टिकटों की बिक्री डायनामिक किराया प्रणाली के आधार पर की जाती है।

वर्ष 2016-17 में तत्काल टिकटों की बिक्री से रेलवे को 6672 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ। अगले साल यानी 2017-18 में ये और बढ़कर 6915 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। लेकिन रेलवे को ज्यादा कमाई तत्काल प्रीमियम टिकटों की बिक्री से हुई, जिसमें 2016-17 से 2018-19 के बीच 62 फीसद का उछाल आया और ये 1608 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

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