जापान में तीन लाख भारतीयों को मिलेगा काम करने का मौका

धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि तीन से पांच साल के लिए जापान जाने वाले प्रत्येक प्रशिक्षित युवा को जापान में प्रशिक्षण के साथ ही काम करने का भी मौका मिलेगा।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 11 Oct 2017 10:40 PM (IST) Updated:Wed, 11 Oct 2017 10:40 PM (IST)
जापान में तीन लाख भारतीयों को मिलेगा काम करने का मौका
जापान में तीन लाख भारतीयों को मिलेगा काम करने का मौका

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत और जापान के द्विपक्षीय रिश्तों में आई गर्माहट का असर कई क्षेत्रों में दिखाई देने लगा है। बुधवार को कैबिनेट ने ऐसे कुछ फैसलों पर मुहर लगाई है जो दोनो देशों के लिए आने वाले दिनों में काफी फायदे का सौदा साबित होंगे। इसमें एक फैसला तीन लाख प्रशिक्षित भारतीय युवा कामगारों को जापान में काम करने का मौका देगा।

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में जापान के साथ टेक्नीकल इनटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीटीटीपी) समझौता करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके बारे में कौशल विकास, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इसके तहत तीन लाख भारतीय युवाओं को तीन से पांच वर्षो के लिए जापान भेजा जाएगा। ये युवा भारत में भी स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किये जाएंगे और जापान में भी इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये जापान में काम करने के साथ ही प्रशिक्षण भी हासिल करेंगे। अगले तीन साल में जापान की वित्तीय सहायता पर इन युवाओं को जापान भेजा जाएगा।

जापान देगा खर्च

प्रधान ने बताया कि तीन से पांच साल के लिए जापान जाने वाले प्रत्येक प्रशिक्षित युवा को जापान में प्रशिक्षण के साथ ही काम करने का भी मौका मिलेगा। तीन लाख युवकों को परखने में वहां रोजगार के भी अवसर प्रदान किए जाएंगे। वहां पर उनके रहने की व्यवस्था भी जापान ही करेगा।

भारत लौटने पर भी नौकरी का मौका

जब ये भारत आएंगे तो अपने साथ एक बेहद कुशल अंतरराष्ट्रीय कार्य व्यवहार और औद्योगिक प्रशिक्षण लेकर आएंगे जिसका भारत में इस्तेमाल हो सकेगा। जापान प्रशिक्षित युवा पेशेवरों की कमी से जूझ रहा है जबकि भारत में युवाओं की बड़ी फौज है। इस तरह से यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा।

विश्व बैंक की दो स्कीमें मंजूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने विश्व बैंक से सहायता प्राप्त 6,655 करोड़ की दो स्किल डेवलेपमेंट स्कीमों को भी मंजूरी दी है। इसमें संकल्प 4455 करोड़ की केंद्र की एक योजना है जिसमें विश्व बैंक ने 3300 करोड़ के कर्ज की सहायता दी है। 2200 करोड़ रुपये की स्ट्राइव योजना में विश्व बैंक की ओर से कर्ज लेने में सहायता दी जाती है। यह दोनों योजनाएं व्यावसायिकशिक्षा और प्रशिक्षण देने के संबंध में है।

एलएनजी बाजार पर समझौते के प्रस्ताव को हरी झंडी

कैबिनेट ने भारत और जापान के बीच एक वैश्विक एलएनजी बाजार स्थापित करने से जुड़े समझौते के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखाई है। इसके तहत भारत उन देशों से एलएनजी ले सकेगा जहां से जापान खरीदता है जबकि जापान भारत को एलएनजी की आपूर्ति करने वाले देशों से इसे हासिल कर सकेगा। इससे दोनों देशों के लिए सस्ती दर पर और सुलभता से एलएनजी खरीदने का रास्ता खुल सकेगा।

प्रधान ने बताया कि अभी भारत और आस्ट्रेलिया के बीच एलएनजी खरीद समझौता है जबकि जापान और कतर के बीच भी इसी तरह का समझौता है। लेकिन आस्ट्रेलिया जापान के करीब है और कतर से भारत नजदीक है। नए समझौते के मुताबिक जरूरत पड़ने पर जापान भारत के हिस्से की एलएनजी आस्ट्रेलिया से खरीद सकेगा जबकि भारत इसी तर्ज पर जापान के हिस्से की एलएनजी कतर से ले सकेगा। इससे दोनों देशों के लिए एलएनजी आयात की लागत कम हो जाएगी।

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